Rajnandgaon-Kahiragarh News Update : दो साल पहले राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महतारा वदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपए राशि पाने वाली 11 हजार महिलाओं की अगली किस्त ई-केवाईसी के नहीं होने के चलते रूक सकती है। वहीं मृत महिलाओं के नाम भी अब योजना से हटाने का काम किया जा रहा है।

गौरतलब है कि सरकार बीते 19 महीने से महिलाओं के खाते में महतारी वंदन योजना के तहत एक हजार रुपए दे रही है, जिसे पाकर महिलाएं खुश नजर आ रहीं है, लेकिन हाल में ई-केवायसी सिस्टम के चलते महिलाएं अच्छे खासे परेशान हैं। महतारी वंदन योजना के तहत राजनांदगांव जिले में 3.55 लाख हितग्राहियों को योजना का लाभ मिल रहा है। योजना के तहत लगभग 11 हजार महिलाएं ऐसी हैं, जिनका आधार कार्ड विवरण अपडेट नहीं हुआ है। इनमें कई महिलाओं का आधार एक्सपायर हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि यह समस्या मुख्य रूप से आधार कार्ड के हर दस साल में अपडेट होने की अनिवार्यता के कारण उत्पन्न हुई है। आधार कार्ड के नियमित अपडेट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हितग्राही वास्तव में जीवित है या नहीं, उसने अपना निवास स्थान मकान, जिला या राज्य तो नहीं बदल लिया है या उसके विवरण में कोई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव तो नहीं हुआ है। अधिकारी इसे एक प्रकार का जीवन प्रमाण बताते हैं, जो सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और सही लाभार्थी तक लाभ पहुंचाने के लिए आवश्यक है।

उत्पात मचाने वाले दो लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई

राजनांदगांव। शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। डोगरगाव पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों के अनुसर डोंगरगंव थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस अभियान के तहत थाना किरगी में उत्पात मचाने वाले अनवेदक टिकेश्वर 19 साल व देवेन्द्र & साल दोनों निवासी ग्राम किरणों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर धारा-170/126, 135(3) डीएनएसारस के तहत इस्तगासा तैयार कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया है।

चाकू दिखाकर किया था मारपीट, आरोपी गिरफ्तार

राजनांदगांव। आपसी विवाद पर गाली-गलौज करते चाकू से हमला कर फरार होने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कार्रवाई की है। आरोपी से धारदार चाकू जब्त किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार 7 नवंबर को प्रार्थी ने चौकी चिखली में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 7 नवंबर को रात्रि में वशिष्ट मानिकपुरी द्वारा जान से मारने की धमकी देते चाकू से वार कर फरार हो गया है। रिपोर्ट पर धारा 296, 351(2), 115(2), 118(1) बीएनएस, 25, 27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इस मामले में चिखली पुलिस टीम तैयार कर आरोपी की पतासाजी कर आरोपी वशिष्ट उर्फ विक्की मानिकपुरी 24 साल शांतिनगर को पकड़कर आरोपी के कब्जे से एक नग धारदार चाकू जब्त किया गया। आरोपी के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की गई है।

दुकानों की नीलामी प्रक्रिया निरस्त, सीएमओ और एआरआई भी सस्पेंड

खैरागढ़। प्ररागढ़ नगर पालिका में दुकानों की नीलामी को लेकर सामने आए 64 लाख 77 हजार रुपए के वित्तीय घोटाले पर नगर पालिका ने आनन-फानन में पूरी नीलामी प्रक्रिया को निरस्त करने का आदेश जारी किया वही शिकायत जाँच बाद नगरीय निकाय ने निरस्तीकरण का आदेश जारी करने वाले सीएमओ कोमल सिंह ठाकुर और एआरआई राजेश तिवारी को भी निलंबित कर दिया। यह पहली बार है जब नपा में किसी वित्तीय अनियमितता पर इतनी जल्द कार्रवाई हुई है। मणिकंचन केंद्र धरमपुरा के आठ और फतेह मैदान परिसर स्थित तीन दुकानो को मिलाकर 11 दुकानों को 14 अक्टूबर 2025 को नीलाम किया था। जारी आदेश में नीलामी अपरिहार्य कारणों से नियम-शर्त की कंडिका क्रमांक 04 के आधार पर निरस्त की गई लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता और विधायक प्रतिनिधि की शिकायत पर विभाग ने फौरी कारवाई करते हुए वित्तीय अनियमितता के लिए प्रथमदृष्टया सीएमओ कोमल सिंह ठाकुर और नीलामी प्रक्रिया पूरी कराने वाले एआरआई राजेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर संयुक्त संचालक कार्यालय दुर्ग अटैच कर दिया है। आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि दोनो ने प्रामि नीलामी से द्वितीय नीलामी मे अपेक्षाकृत कम राशि 64.77 लाख के कम राजस्व आय और निकाय द्वारा आअंटन शर्त की कंडिका पांच का उल्लंघन कर पहली बोली के बकायादार को दूसरी बोली मे अवसर दिए जाने के लिए प्रारंभिक जाँच मे अवचार का दोषी पाए गए है।

नगरपालिका परिषद में जष्टाचार और अनियमितताओं का खेला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के निलंडन और स्थानांतरण के बावजूद कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है। अनुपयोगी सामानी की बोगस खरीदी के बाद ताजा मामला दुकानों की नीलामी में किए गए खेल का था जिसमें नपा ने अपने ही खजाने को करीब 65 लाख का नुकसान पहुंचाया। आरोप है कि यह सब कुछ पी और डबल पी के इशारे पर किया गया ताकि उनके रिश्तेदारो को सस्ती कीमत में दुकानें मिल सकें। इन समी दुकानों की अंतिम बोली। करोड़ 48 लाख 42 हजार रुपए तक पहुंची थी लेकिन तय समयसीमा में किसी भी अंतिम बोलीकर्ता ने राशि जमा नहीं की। नियमानुसार ऐसी स्थिति में इन्हें नीलामी प्रक्रिया से बाहर किया जाना चाहिए था परंतु जिम्मेवार अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया और उन्हीं लोगों को दुबारा नीलामी में शामिल कर दुबारा गीलामी की औपचारिकता सिर्फ कागज पर पूरी कर ली जिसमें वही पुराने बोलकितां शामिल हुए. जिन्हें पिछली बार से लाखों रुपए कम कर में दुकाने दी गई थी।