दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जन सुनवाई के दौरान हमला करने वाले शख्स ने अजब कहानी सुनाई है. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि राजेश खिमजी ने सपने में देखा कि एक शिवलिंग के बगल में बैठे कुत्ते ने उससे कहा कि दिल्ली में कुत्ते कष्ट में हैं. चार्जशीट के मुताबिक़ आरोपी ने कहा है कि उसके सपने में एक कुत्ता आया था और उसने ही कहा था कि दिल्ली में कुत्तों पर जुल्म हो रहा है. इस शख्स ने यह भी कहा है कि उसने अपनी पत्नी से बताया था कि वह दिल्ली जाएगा और भूख हड़ताल पर बैठेगा और अगर किसी ने रोका तो वह उसे जान से मार डालेगा.
दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के बाद इस केस में 429 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के फर्स्ट क्लास जुडिशियल मैजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में राजेश साकरिया का बयान दाखिल किया गया है. गुजरात के राजकोट के निवासी राजेश पर आरोप है कि उन्होंने 20 अगस्त की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान उन पर हमला कर दिया. राजेश को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया गया था. राजेश के परिवार का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह कुत्तों के लिए किसी को भी मार सकता है.
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों राजेश खिमजी और तहसीन सैयद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या की कोशिश, लोकसेवक के काम में बाधा डालने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, राजेश खिमजी आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के रुख से नाराज था.
राजेश ने क्या-क्या बताया?
चार्जशीट के मुताबिक, राजेश ने अपने बयान में कहा है, ‘एक रात मैंने सपने में देखा कि मेरे मंदिर में एक कुत्ता है और वह शिवलिंग के पास खड़ा है. उसी ने मुझे बताया कि दिल्ली में कुत्ते बड़ी तकलीफ झेल रहे हैं. मैंने अपनी पत्नी और बापू को बताया मैं दिल्ली जाऊंगा और भूख हड़ताल पर बैठूंगा और अगर किसी ने पिछली बार की तरह मुझे रोका तो मैं उसे मार डालूंगा, चाहे वह कोई भी हो.’
राजेश ने आगे यह भी बताया कि वह महाकाल का आशीर्वाद लेने उज्जैन भी गया. राजेश ने कहा, ‘मैंने दो पर्चियां बनाईं, एक पर ‘हां’ लिखा और दूसरी पर ‘नहीं’ लिखा. मैंने दोनों पर्चियां महाकाल को चढ़ाईं और एक पर्ची उठाई, इस पर्ची पर ‘हां’ लिखा था. यह मेरे लिए महाकाल का आदेश था कि मैं दिल्ली जाऊं और भूख हड़ताल पर बैठूं.’ जब राजेश ने दिल्ली जाने का फैसला किया तो उसकी पत्नी ने पैसे देने से इनकार किया. फिर उसने अपने दोस्त तहसीन रजा से पैसे मांगे तो उसने 2000 रुपये ट्रांसफर कर दिए.
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