FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सेफ्टी कमिश्नरों को आदेश जारी किया है। FSSAI ने चेतावनी दी है कि बाजार में कई कंपनियां फलों के जूस और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स को असली ORS जैसी पैकेजिंग में बेचकर लोगों को गुमराह कर रही हैं। इसी को देखते हुए FSSAI ने सभी राज्यों को तुरंत कार्रवाई करने, छापेमारी चलाने और ऐसे उत्पादों की बिक्री रोकने के निर्देश दिए हैं।

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FSSAI का कहना है कि कई उत्पादों में WHO द्वारा मान्य ORS फॉर्मूला न तो मौजूद होता है और न ही उनमें किसी तरह का चिकित्सीय प्रभाव होता है, फिर भी कंपनियां पैकेज पर ‘ORS’ लिखकर इसे दवा जैसा दिखाती हैं। यह खाद्य सुरक्षा कानून 2006 का स्पष्ट उल्लंघन है। हालांकि, असली मेडिकल ORS पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।

संस्था ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे दुकानों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर तुरंत निरीक्षण कर गलत उत्पाद हटाएँ और संबंधित कंपनियों पर नियामक कार्रवाई करें। पिछले आदेशों के बावजूद बाजार में नकली ORS बिकते रहने पर FSSAI ने सख्त कदम उठाने पर जोर दिया है। अक्टूबर में जारी पुराने आदेश में FSSAI ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी फल-आधारित पेय या रेडी-टू-ड्रिंक उत्पाद में ‘ORS’ शब्द का उपयोग ब्रांड नाम, प्रीफिक्स या सफिक्स के रूप में करना कानूनन गलत है और उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाला माना जाएगा।

अपने आदेश में FSSAI ने कहा है कि, “गुमराह करने वाले और धोखेबाज़ इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स और “ORS” को तुरंत हटाया जाए, चाहे वह एक शब्द हो या प्रीफिक्स या सफिक्स के साथ मिला हुआ शब्द हो, जैसे कि बेवरेजेज, रेडी-टू-सर्व/ड्रिंक इन बेवरेजेज, अलग-अलग रिटेल आउटलेट्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले प्रोडक्ट के नाम।”

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