सुकमा। दक्षिण बस्तर में हिड़मा के खात्मे के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों की नज़र जिस नक्सली पर सबसे ज़्यादा है, वह है बारसा देवा. देवा भी उसी ओयोपारा का रहने वाला है, जहां हिड़मा का घर था, और दोनों सिर्फ 4 किमी की दूरी पर पले-बढ़े.
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संगठन के भीतर चर्चा है कि हिड़मा के बाद अब बस्तर की कमान देवा को सौंपी जा सकती है. देवा फिलहाल नक्सलियों की मिलिट्री दलम का हेड है, और बस्तर में कई घातक घटनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता है. झीरम घाटी कांड से लेकर दंतेवाड़ा-सुकमा में हुए कई हमलों में देवा की भूमिका सामने आ चुकी है.

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि देवा अब संगठन का सबसे बड़ा चेहरा बन चुका है. इसकी मां ने हाल ही में बेटे को संगठन छोड़ने की अपील की थी, लेकिन देवा अब भी जंगली ठिकानों में सक्रिय है. हिड़मा की मौत के बाद देवा की सक्रियता और बढ़ गई है, जिससे उसके आत्मसमर्पण का सवाल भी अब टलता दिख रहा है. पुलिस और संगठन दोनों की नज़रें एक ही नाम पर टिक गई हैं—देवा.
मसोरा टोल हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्य खत्म
कोंडागांव। जिले के मसोरा टोल नाका में मंगलवार देर रात हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे बड़े डोंगर भैंसाबेड़ा गांव को सदमे में डाल दिया. खराब खड़े ट्रक में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो के घुसने से एक ही परिवार के पिता, पुत्र और भतीजे समेत कुल 5 लोगों की मौत हो गई.
हादसे के समय सभी 12 लोग धान मिंजाई के बाद फिल्म देखकर गांव लौट रहे थे. नूतन मांझी, शत्रुघन मांझी, रूपेश मंडावी, लखन मंडावी और 16 साल का भूपेश ये पांचों एक झटके में चले गए. बुधवार को पूरे गांव ने नम आंखों से मृतकों की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली. वहीं हादसे में घायल एक किशोर अब भी कोमा में है.
पूर्व विधायक संत नेताम ने गांव पहुंचकर परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की और प्रशासन पर राहत न देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि टोल प्लाजा में न हाईमास्ट लाइट है, न क्रेन की व्यवस्था. सड़क किनारे अवैध गुमटियां और खड़े वाहन हादसों की वजह बनते रहे हैं. घटना के बाद लोग टोल प्रबंधन और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
दुर्गम गांव गमपुर में वर्षों बाद पहुंची प्रशासनिक टीम
बीजापुर। सुकमा और दंतेवाड़ा तीनों जिलों की सीमाओं पर बसे दुर्गम गांव गमपुर में वर्षों बाद प्रशासनिक टीम पहुंची. जनपद पंचायत बीजापुर के सीईओ पीआर साहू और उनकी टीम ने 24 किलोमीटर के पहाड़ी मार्ग, नदी और छह नालों को पार करते हुए गांव में प्रवेश किया. ग्रामीणों ने इस दौरे को उम्मीद की नई किरण बताया.
गांव पहुंचते ही अफसरों ने बैठक कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. मौके पर ही 60 परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड और 68 ग्रामीणों को मतदाता परिचय पत्र वितरित किया गया. ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी भवन और पंचायत भवन निर्माण की मांग रखी, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि मंजूरी पहले ही जारी कर दी गई है.
गमपुर, कुंएम और अन्ड्री गांवों में 359 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां आधार, बैंक खाते और ईपिक कार्ड जैसी बुनियादी चीज़ें भी बेहद कम संख्या में बनी हैं. अफसरों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही विशेष शिविर लगाकर इन कमियों को दूर किया जाएगा. दुर्गम इलाकों में विकास की धीमी रफ्तार का यह दौरा बड़ा संकेत माना जा रहा है.
फुटबॉल टूर्नामेंट के क्वॉर्टर फाइनल में नारायणपुर और बेंगलुरू की जीत
जगदलपुर। जगदलपुर के सिटी ग्राउंड में गुरुवार को खेले गए अखिल भारतीय फुटबॉल टूर्नामेंट के क्वॉर्टर फाइनल मैचों ने दर्शकों को रोमांच से भर दिया.
पहले मैच में आरकेएम नारायणपुर ने केरल पुलिस को 1-0 से हराया. निर्णायक गोल 56वें मिनट में आदित्य ने दागा. दूसरे मैच में संबलपुर इलेवन और एमईजी बेंगलुरू का मुकाबला 1-1 से बराबरी पर रहा. इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में बेंगलुरू ने 4-3 से जीत दर्ज की. दोनों टीमें अब सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं. मैचों में खिलाड़ियों को येलो कार्ड भी दिए गए और खेल तेज-तर्रार तरीके से आगे बढ़ा.
शुक्रवार को डीएफए बस्तर बनाम तमिलनाडु पुलिस और आरकेएम नारायणपुर बनाम एमईजी बेंगलुरू के बीच सेमीफाइनल मुकाबले खेले जाएंगे. दर्शकों में उत्साह चरम पर है और आयोजकों का कहना है कि टूर्नामेंट अब अपने चरम रोमांच की ओर है.
बाबूसेमरा MRF सेंटर में लगी भीषण आग से करोड़ों का नुकसान
जगदलपुर। जगदलपुर के बाबूसेमरा स्थित एमआरएफ सेंटर में बुधवार-गुरुवार दरमियान भीषण आग लग गई, जिसकी लपटें पूरे इलाके में दहशत का कारण बन गईं. आग से 3 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होने की आशंका जताई गई है.
एमआरएफ सेंटर में लगी आग इतनी विकराल थी कि 12 घंटे की मशक्कत, छह दमकल गाड़ियों और लाखों लीटर पानी के बावजूद टीमों को जेसीबी से दीवारें तोड़कर आग को नियंत्रित करना पड़ा. प्लास्टिक, रबर और रीसाइकल सामग्री ने आग को और भयावह बना दिया. धुएं के घने बादल ने दमकल कर्मियों को बार-बार पीछे हटने पर मजबूर किया.
शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई गई है. प्रशासन का अनुमान है कि नुकसान का आंकड़ा तीन करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है. आसपास के घरों को सुरक्षित रखने फायर कॉरिडोर बनाया गया. सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
पीसीसी चीफ बैज चला रहे डोर-टू-डोर SIR जागरूकता अभियान
जगदलपुर। जगदलपुर के परपा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने गुरुवार को घर-घर पहुंचकर SIR प्रक्रिया को लेकर जागरूकता अभियान चलाया. उनके साथ शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुशील मौर्य और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे.
अभियान के दौरान लोगों ने बताया कि कई जगह बीएलओ सहयोग नहीं कर रहे या फॉर्म सत्यापन में देरी कर रहे हैं. दीपक बैज ने स्पष्ट कहा कि हर वार्ड में कांग्रेस की विशेष टीम तैनात है, जो तत्काल मदद देगी. उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया राजनीतिक नहीं, बल्कि नागरिक अधिकारों की सुरक्षा का अभियान है.
कांग्रेस ने पहली बार हर नागरिक के लिए ओपन हेल्प सिस्टम तैयार किया है. युवाओं और महिलाओं को दस्तावेज़, दावा-आपत्ति और नाम जुड़वाने की प्रक्रिया भी समझाई गई. बैज ने कहा कि कोई भी व्यक्ति लापरवाही के चलते अपने मताधिकार से वंचित न हो — यह कांग्रेस का संकल्प है.
बस्तर को बेहतर रेल सुविधाओं का इंतजार
बस्तर। बस्तर का लोहे का खजाना देश भर में भेजा जा रहा है, लेकिन बस्तर के लोगों को अब तक रेल सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है. एनएमडीसी और ईस्ट कोस्ट रेलवे को रोजाना 40 करोड़ 86 लाख रुपये की कमाई हो रही है, लेकिन बस्तर रावघाट-दल्लीराजहरा रेललाइन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं से अब भी वंचित है.
बुजुर्गों का कहना है कि “शायद इस जिंदगी में रावघाट होते रायपुर न जा पाएं.” बस्तर से रोज 88 हजार 500 टन लौह-अयस्क रेल से बाहर जाता है, जिसका लाखों टन अलग ट्रेकों से परिवहन होता है. इसके बावजूद यहां इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी सेवाएं बंद कर दी गईं.
लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब घाटे के बावजूद गरीब रथ 24 साल से चल रही है, तो बस्तर से करोड़ों कमाने वाली लाइन पर सुविधाओं से क्यों कटौती? बस्तरवासी इसे अपनी सबसे बड़ी उपेक्षा मान रहे हैं. रेल सुविधाओं की मांग अब बड़े जनसरोकार का मुद्दा बन चुकी है.
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