पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी एक नए मोर्चे पर सक्रिय हो गई है-इस बार निशाने पर हैं 32 गायक जिनके गानों ने चुनावी माहौल में खासा शोर मचाया था। आरजेडी का दावा है कि इन कलाकारों ने बिना अनुमति पार्टी और उसके नेताओं का नाम लेकर ऐसे गाने रिलीज किए जिनसे संगठन की छवि खराब हुई। पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन बताते हैं कि सभी गायकों को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कानूनी और मानहानि की कार्रवाई की जाए। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पार्टी अगला कदम उठाएगी।
गानों ने बढ़ाया चुनावी तापमान
चुनाव प्रचार के दौरान कई गाने वायरल हुए थे जिनमें आरजेडी और उसके नेताओं पर टिप्पणी करने वाली पंक्तियां थीं। PM मोदी ने भी एक रैली में इन गानों का जिक्र करते हुए आरजेडी पर सीधा हमला बोला था जिससे मामला और गरमाता गया।
बीजेपी ने साधा निशाना
आरजेडी के इस कदम पर बीजेपी ने तंज कसा है। प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पार्टी हार से हताश है और उन्हीं गायकों को नोटिस भेज रही है जिनसे कभी खुद के मंच पर गाने गवाए जाते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि डराकर और धमकाकर वोट लेने का प्रयास किया गया लेकिन जनता ने जंगलराज को नकार दिया।
महागठबंधन की करारी हार
2025 के नतीजों में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया। तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार बनाने के बाद भी आरजेडी मात्र 25 सीटें ही जीत पाई। अब पार्टी चुनावी हार के पीछे चुनावी गानों की भूमिका की भी जांच करा रही है जो कहानी को एक नया मानव और राजनीतिक एंगल देता है।
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