देवजीत देवनाथ, पखांजुर। आदिवासी कन्या छात्रावास पखांजूर के पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास की छात्राओं ने अधीक्षिका पर गंभीर लापरवाही और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। छात्राओं का कहना है कि यहां बिस्तर, सेनेटरी पैड और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ठंड के मौसम में बच्चियां बिना बेडशीट के ही जमीन पर सोने को मजबूर हैं।


छात्रावास का नया भवन लाखों रुपये की लागत से बना, लेकिन सुविधाएं शून्य हैं। स्थिति इतनी खराब की छात्राओं के लिए बिस्तर और गद्दा भी नहीं है। 64 छात्राएं कई महीनों से जमीन पर सोने को मजबूर हैं। शिकायत करने पर उन्हें जवाब मिलता है ‘पहले पैसा दो, तभी सामान मिलेगा।’ ऐसे में सवाल उठता है कि यह सरकारी छात्रावास है या उगाही का अड्डा?

भोजन की बात करें तो यह आलम है कि रोजाना सड़ी-गली सब्जियां पपीता, केला, आलू, कुंदरू और पत्ता गोभी मिलते हैं। कई बार ठीक से उबली भी नहीं होतीं। साफ-सफाई की व्यवस्था भी नाममात्र है। बीमार पड़ने पर भी अधीक्षिका को कोई फर्क नहीं पड़ता।
छात्रावास में CCTV कैमरे तक नहीं है। अधीक्षिका सप्ताह में सिर्फ 1–2 दिन ही रुकती हैं। रात में कौन आए, कौन जाए इसकी कोई निगरानी नहीं। छात्राओं की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे है। इसके अलावा छात्राओं के लिए सबसे ज़रूरी सुविधा सेनेटरी पैड भी उपलब्ध नहीं है।
पहले भी की गई है शिकायत, पर नहीं हुई कार्रवाई
छात्राओं ने बीते 28 अगस्त को भी शिकायत की गई थी, लेकिन न जांच हुई, न कार्रवाई। अव्यवस्थाओं को दबा दिया गया। अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि छात्राओं की सुरक्षा और सेहत दोनों पर खतरा बना हुआ है। छात्राओं ने जिला प्रशासन से तत्काल जांच, सुरक्षित वातावरण और सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
मामले में पखांजुर एसडीएम टिकाराम नेताम ने बताया कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी सामने आई है। उन्होंने इसकी जांच कराने की बात कही है। इसके बाद जो भी कमियां सामने आएंगी, उसे पूरा किया जाएगा।

