किशनगंज। शहर में बुधवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित संविधान बचाओ कार्यक्रम केवल एक राजनीतिक सभा नहीं बल्कि उन लोगों की चिंता का मंच भी बना जो मानते हैं कि देश के मौलिक अधिकार खतरे में हैं। कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों की भीड़ इस बात का प्रमाण थी कि आम जनता भी इस बहस का हिस्सा बनना चाहती है।
सांसद जावेद आजाद के आरोप
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. जावेद आजाद ने कहा कि लोगों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ी है। उनका आरोप था कि RSS और मोदी सरकार संविधान की मूल आत्मा को खत्म करना चाहती है। उन्होंने हालिया बिहार विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव नतीजे जनता की इच्छा से मेल नहीं खाते। भीड़ हमारे पक्ष में थी, लेकिन नतीजे उल्टे आ गए। डॉ. आजाद ने यह कहते हुए लोगों में मौजूद बेचैनी को आवाज़ दी कि पहले कांग्रेस को मिली 74% वोट हिस्सेदारी अब भाजपा के पक्ष में 84-88% दिखाना चुनाव आयोग की मिलीभगत से की गई वोट चोरी का संकेत है।
अधिकारों पर संकट
कार्यक्रम में विधायक कमरुल हुदा ने कहा कि संविधान ने सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार दिया है, लेकिन वर्तमान सरकार इस अधिकार को सीमित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि अगर अधिकारों पर हमला होगा तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी।
14 दिसंबर की रैली को लेकर उत्साह
जिला अध्यक्ष इमाम अली उर्फ चिंटू ने बताया कि 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली रैली में किशनगंज से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे। कार्यक्रम में युवाओं और महिलाओं की उपस्थिति इस अभियान के मानवीय पहलू को और मजबूत करती दिखी।
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