अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक तरफ जहां सरकार शासकीय अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वहीं जमीनी स्तर पर लापरवाही इस व्यवस्था को शर्मसार कर रही है। शहडोल मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर स्थित सिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों गंदगी के ऐसे दलदल में फंसा है कि यहां इलाज कराने आने वाले लोग खुद बीमारी का शिकार बन रहे हैं।

अस्पताल परिसर में कई दिनों से कचरे का ढेर लगा हुआ है। चिकित्सा अपशिष्ट, खाद्य अवशेष और गंदे पानी के जमाव ने दुर्गंध का ऐसा वातावरण बना दिया है कि मरीज और उनके परिजन कुछ ही मिनटों में उलझन महसूस करने लगते हैं। अस्पताल की दीवारों के आसपास जमा कचरा मच्छरों और मक्खियों का अड्डा बन चुका है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया है।

स्थानीय निवासी रामानंद तिवारी ने बताया कि अस्पताल की गंदगी से कई तरह की बीमारियाँ पैदा हो रही हैं। हमारे घरों तक बदबू पहुँचती है। बच्चों और बुजुर्गों का रहना मुश्किल हो गया है।  उन्होंने कहा वहीं अस्पताल के बगल में रहने वाले राजीव नाविक ने बताया कि गंदगी के कारण उन्हें रोज़ भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मच्छर और दुर्गंध से हम परेशान हैं। कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

उन्होंने कहा गंदगी के कारण अस्पताल में भर्ती होना मरीजों के लिए भय का कारण बन गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब अस्पताल खुद बीमार है, तो यहां इलाज कैसे संभव है।  ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र प्रशासन सफाई के नाम पर खानापूर्ति करता है और गंदगी का निस्तारण समय पर नहीं किया जाता…

इस पूरे मामले में सिंहपुर बीएमओ डॉ. सुनील स्थापक का कहना है कि अस्पताल परिसर में इस तरह की कोई गंदगी नहीं है। अपस्ताल के एक कार्नर में कचरा रखा है। दो-तीन दिन से आउटसोर्स गाड़ी नहीं आई है। जिससे वह कचरा जा नहीं पाया है।

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