Union Minister Raksha Khadse: बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने एक ऐसा बयान दिया है, जो महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra politics) को गर्म कर सकती है। महाराष्ट्र निकाय चुनाव के बीच रक्षा खडसे ने कहा है कि वह खुद को ‘सैंडविच’ जैसी स्थिति में महसूस कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं अपने ससुर एकनाथ खडसे और बीजेपी के कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन के बीच की सैंडविच (sandwich) बन गई हूं।
जलगांव के चोपड़ा शहर में एक चुनावी रैली के बाद रक्षा खडसे ने कहा कि ‘एकनाथ खडसे मेरे ससुर हैं और मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं। गिरीश महाजन पार्टी में वरिष्ठ नेता हैं और मेरे लिए पिता जैसे हैं। जब दोनों के बीच अनबन होती है, तो मैं बीच में फंस जाती हूं।
उन्होंने बताया कि एक तरफ नाथाभाऊ हैं, मेरे ससुर, और दूसरी तरफ गिरीश काका हैं, जो मेरे पिता जैसे हैं। उनके झगड़े से मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं पूरी तरह से ‘सैंडविच’ बन गई हूं।’ केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री महाराष्ट्र के जलगांव जिले के रावेर से तीसरी बार लोकसभा सदस्य चुनी गई हैं, जहां दो दिसंबर को होने वाले नगरपालिका परिषद चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

दरअसल एनसीपी (एसपी) नेता एकनाथ खडसे और बीजेपी नेता गिरीश महाजन, दोनों ही जलगांव जिले से हैं। एकनाथ खडसे केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बहू हैं। वहीं गिरीश महाजन बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। रक्षा खडसे खुद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता हैं। ऐसे में एकनाथ खडसे और गिरीश महाजन के बीच राजनीतिक लड़ाई के कारण रक्षा खडसे को काफी दिक्त होती है। न तो वो ससुर को कुछ बोल पाती हैं। न ही पार्टी के खिलाफ जा पाती हैं। महाराष्ट्र निकाय चुनावों से पहले चल रहे राजनीतिक विवाद में भी रक्षा खड़से दो वरिष्ठ नेताओं-अपने ससुर एकनाथ खडसे और अपने वरिष्ठ पार्टी सहयोगी गिरीश महाजन के बीच फंसी हुई है।
गिरीश महाजन ने एकनाथ खडसे पर बोला हमला
इधर गिरीश महाजन ने एनसीपी (एसपी) नेता एकनाथ खडसे पर तीखा हमला करते हुए दावा किया कि ‘अब उन्हें कोई नहीं पहचानता’ और कहा कि उनका राजनीतिक असर कम हो गया है। एकनाथ खडसे करीब तीन दशक तक बीजेपी के साथ रहे और वर्ष 2016 में पुणे में एक विवादित जमीन सौदे को लेकर उन्होंने देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। एकनाथ धीरे-धीरे बीजेपी से दूर हो गए और बाद में अविभाजित एनसीपी में शामिल हो गए। एकनाथ वर्ष 2023 में पार्टी के टूटने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट में शामिल हो गए। महाजन ने एकनाथ खडसे को जलगांव जिले में कम से कम एक नगरपालिक परिषद में जीत पक्की करने की चुनौती दी और कहा कि राज्य की राजनीति में उनकी अहमियत काफी कम हो गई है।
महाजन ने आरोपों के बावजूद इस्तीफा नहीं दियाः एकनाथ खडसे
इन बातों का जवाब देते हुए एकनाथ खडसे ने कहा कि जब बीजेपी नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा तो उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी के चलते 30 मिनट के अंदर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एनसीपी (एसपी) नेता ने जोर देकर कहा कि उन्हें कैबिनेट से बाहर नहीं किया गया जबकि महाजन ने कई मौकों पर आरोपों का सामना करने के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया।
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