नई दिल्ली. नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर 2000 रुपये के नोट को बंद करने की चर्चा शुरू हो गई है. वैसे यह 2000 रुपये का नोट नोटबंदी की ही देन है. जब 3 साल पहले नोटबंदी हुई थी, तो उस वक्त 500 रुपये और 1000 रुपये का नोट बंद कर दिया गया था. बाद में 500 रुपये का नया नोट और 2000 रुपये का नोट पहली जारी किया गया था. अब खबरें आ रही हैं कि 2000 रुपये के नोट को बंद किया जा सकता है.
भारत सरकार के पूर्व वित्त सचिव ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट को बंद कर दिया जाना चाहिए. बीते 31 अक्टूबर 2019 को वीआरएस लेने वाले पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने 2000 के नोटों को बंद करने का मोदी सरकार को सुझाव दिया है. सुभाष गर्ग के अनुसार 2000 के नोटों का चलन ज्यादा नहीं है, और इसकी जमाखोरी भी हो रही है. गर्ग के अुनसार सिस्टम में अब काफी ज्यादा नकदी मौजूद है, ऐसे में 2000 रुपये के नोट बंद करने से किसी को परेशानी नहीं होगी.
पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने बताया कि दुनिया में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अपने देश में लोग इसे अभी उस तेजी से नहीं अपना रहे हैं. उन्होंने सरकार को 72 पन्नों का नोट दिया है, जिसमें कई सुझाव हैं. इसमें उन्होंने कहा है कि बड़े कैश लेन-देन पर टैक्स या शुल्क लगाने, डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने जैसे कदमों से देश को कैशलेस बनाने में काफी मदद मिलेगी.
मीडिया में आई जानकारियों के अनुसार आरबीआई 2000 रुपये के नोटों की छपाई में कमी ला रही है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक एक भी 2000 रुपये का नोट नहीं छापा गया है. एक आरटीआई के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया है कि 2000 रुपये के नोटों का ज्यादातर इस्तेमाल गलत कामों में किया जा रहा है.
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