पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। अमितेश शुक्ल की अगुवाई में नव नियुक्त कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुखचंद बेसरा का राजिम विधानसभा भर में जोरदार स्वागत हुआ। राजधानी से अमितेश उन्हें जिला कार्यालय तक लेकर पहुंचे। अपने बेटे भवानी की प्रबल दावेदारी के बावजूद अमितेश ने सुखचंद की नियुक्ति पर खुशी जताई और कहा कि संगठन का निर्णय शिरोधार्य है।

कांग्रेस के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष सुखचंद बेसरा का आज गरियाबंद नगर आगमन पहली बार हुआ। राजिम, कोपरा, पाण्डुका और जिला मुख्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पूर्व राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, जो सुखचंद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे, सबका ध्यान आकर्षित करते रहे। राजिम में पंडित श्यामा चरण को माल्यार्पण कर काफिला आगे बढ़ा।

अमितेश शुक्ल के गढ़ में सुखचंद बेसरा का आत्मीय स्वागत चर्चा का विषय बना रहा। अमितेश के समर्थक दोनों नेताओं के नारे लगाते रहे। स्वागत समारोह में अमितेश शुक्ल के समर्थकों की संख्या अधिक रही। जिला मुख्यालय में सुखचंद बेसरा ने अपने वरिष्ठ और कद्दावर नेता, प्रथम पंचायत मंत्री अमितेश शुक्ल का आशीर्वाद लिया। सुखचंद ने कहा कि दावेदारी हर सदस्य का हक है, लेकिन संगठन ने जिसको जिम्मेदारी दी, उसे सबके साथ मिलकर संगठन को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने अमितेश शुक्ल सहित जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया और आशीर्वाद बनाए रखने की बात कही।

बेटा प्रबल दावेदार थे, संगठन के निर्णय को स्वीकार किया

राजिम विधानसभा के कद्दावर नेता अमितेश के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में उनके पुत्र भवानी शुक्ल आगे बढ़ रहे हैं। जिला अध्यक्ष की दौड़ में भवानी सबसे आगे थे। ऐसे में नाराजगी की संभावना थी। लेकिन स्वागत समारोह में अमितेश ने न केवल बढ़-चढ़कर भाग लिया, बल्कि भरी सभा में कहा कि दावेदारी अलग विषय है, लेकिन संगठन ने जो निर्णय लिया उसका सम्मान करना हर कांग्रेसी की जिम्मेदारी बन जाती है। अमितेश ने सभी समर्थकों से मिल-जुलकर संगठन के लिए काम करने की अपील की। सभा का संचालन कांग्रेस महामंत्री ओंकार ठाकुर ने किया। जिले भर से भारी संख्या में कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।

जानिए कौन हैं सुखचंद बेसरा

देवभोग ब्लॉक के छोटे से गांव दरलीपारा में 7 फरवरी 1977 को एससी परिवार में जन्मे सुखचंद बेसरा अपने छात्र जीवन से 1993 से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य बने। दरी बिछाने से लेकर पार्टी का झंडा और भीड़ का हिस्सा बनते-बनते, अविभाजित छत्तीसगढ़ में गठित हुए संगठन में 2001 में उन्हें देवभोग ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। 2006 में रायपुर ग्रामीण में जिला युवा कांग्रेस के महामंत्री बनाए गए। जोगी के करीबी थे, इसलिए 2007 से 2009 तक संसद प्रतिनिधि बनाए गए। 2008 में पुनः ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में महामंत्री का जिम्मा संभाला। कांग्रेस सत्ता से दूर होती रही और संगठन में बिखराव बढ़ता रहा। इस बीच 2015 में उन्होंने दोबारा ब्लॉक अध्यक्ष का पद संभाला और 2021 तक कार्यकर्ताओं को जोड़े रखा। 2021 से उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया। सरल स्वभाव के नेता सुखचंद बेसरा अपने ग्राम में तीन बार सरपंच के अलावा देवभोग जनपद के उपाध्यक्ष पद पर भी निर्वाचित रहे।