हम भारतीयों के किचन में बहुत से माआले इस्तेमाल होते हैं जो खाने के स्वाद को कई गुना बढ़ाते हैं और ऐसा ही एक मसाला है जावित्री, जो वास्तव में एक बेहद खास मसाला है. जावित्री के बाहरी सूखे आवरण का इस्तेमाल न सिर्फ खाने को खुशबूदार और हल्का मीठा स्वाद देने के लिए किया जाता है, बल्कि पारंपरिक रूप से इसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इसे इस्तेमाल करने के फायदे और जावित्री की चाय बनाने का तरीका.

पाचन सुधारने में मदद
जावित्री पेट को शांत करने और गैस, अपच व भूख में कमी जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक माना जाता है.
तनाव कम करने में सहायक
इसकी खुशबू और गुण मानसिक तनाव कम करने, मूड बेहतर करने और रिलैक्सेशन देने में मदद कर सकते हैं.
सूजन कम करने के गुण
जावित्री में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की हल्की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं.
इम्युनिटी मजबूत करने में मदद
इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकते हैं.
दर्द व ऐंठन में आराम
जावित्री का उपयोग पारंपरिक रूप से दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन और मासिक धर्म के हल्के दर्द में राहत देने के लिए किया जाता है.
ऐसे बनायें जावित्री की चाय
सामग्री
1 छोटा टुकड़ा जावित्री, 1–1.5 कप पानी, ½ चम्मच शहद (वैकल्पिक), अदरक या दालचीनी (यदि आप चाहें)
बनाने की विधि
एक पैन में पानी उबालने रखें. पानी गर्म होने पर उसमें जावित्री का टुकड़ा डालें. लगभग 5–7 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें ताकि इसके गुण पानी में अच्छी तरह घुल जाएं. गैस बंद करें और चाय को कप में छान लें. चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिला सकते हैं.
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