Gangeswari Devi Temple Odisha: ओडिशा भक्ति और आस्था का राज्य है, यहाँ के लोग अपनी भक्ति और आस्था से चट्टानों, पत्थरों, पेड़ों और पहाड़ों को सजाते हैं. ऐसे ही माँ गंगेश्वरी देवी को आस्था के साथ बुलाया और पूजा की जाती है. सोना, चांदी या कोई भी धन खो जाए तो उनका ध्यान करो तो वो पता बताती हैं, वहीं से खोया हुआ धन मिल जाता है.  वो देवी भक्ति और आस्था की रस्सी से बंधी होती हैं और भक्तों की पुकार सुनती हैं.

इसी तरह एक आस्था की देवी हैं अस्तरंग के पास बेगुनियावस्ता गाँव की ग्रामदेवी माँ गंगेश्वरी देवी. आज के साइंटिफिक युग में भी भगवान पर आस्था ज़िंदा है, सोना, चांदी या पैसा खो जाए तो यहाँ आपको पुलिस के पास जाने की ज़रूरत नहीं. सीधे गाँव की देवी माँ गंगेश्वरी के पास जाते हैं. लोग माँ के सामने खोई या चोरी हुई हर चीज़ का ध्यान करते हैं. और देवी खोया हुआ खजाना ढूंढ लेती हैं.

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अस्तरंग के पास बेगुनियावस्त गांव की ग्राम देवी मां गंगेश्वरी देवी हैं. गांव के बीच में एक छोटे से मंदिर में, गांव वाले पुराने समय से मां की पूजा करते आ रहे हैं. बेगुनियावस्त और नंदीपुर की ग्राम देवी के रूप में, मां गंगेश्वरी गांव वालों के सुख-दुख में उनका सहारा रही हैं. लोगों का मानना है कि अगर चांदी या कांसे के बर्तन खो जाते हैं, तो मां गंगेश्वरी देवी उन्हें ढूंढकर अपने भक्तों को लौटा देती हैं. आज भी, अगर अस्तरंग और काकटपुर इलाके के लोग कभी सोना, चांदी या बर्तन खो देते हैं, तो वे मां गंगेश्वरी देवी के पास जाते हैं और वह चीज मिल जाती है.

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जानकारी के अनुसार लोगों के कामना पूरी होने के बाद लोग बेगुनियावस्त गांव में आते हैं और यहां पूजा-अर्चना करते हैं और मां को स्पेशल भोग लगाके शुक्रिया अदा करके लौट जाते हैं. यह मुड़ी मुआ(मुरमुरे)बेगुनियावस्त गांव का पुजारी के परिवार बनाता है. मुड़ी, गुड़, नारियल, बादाम और काजू से एक खास लड्डू बनाई जाती है. मां गंगेश्वरी की महिमा सिर्फ अस्तरंगा या काकटपुर इलाकों तक ही सीमित नहीं है. कटक, भुवनेश्वर, पारादीप, खोरधा जैसे कई दूर-दराज के इलाकों से भक्त अपने घरों में रहकर भी मां से प्रार्थना करके अपना दुःख बयान करते हैं.

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