रायपुर। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है. बता दें कि अमित बघेल 6 दिसंबर को जब सरेंडर के लिए देवेंद्रनगर थाने पहुंच रहे थे तब थाने से करीब 20 मीटर पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. फिर कोर्ट में पेश किया था, जहां से तीन दिन की पुलिस रिमांड मिली थी.
आज रिमांड खत्म होने पर अमित बघेल को फिर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। बता दें कि छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने को लेकर 27 अक्टूबर को जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल ने अग्रसेन महाराज, सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल पर टिप्पणी की थी. इसका विरोध करते हुए समाज के लोगों ने अमित बघेल के खिलाफ रायपुर समेत कई जिलों और दूसरे राज्यों में एफआरआई दर्ज कराई थी.

जानिए क्या है मामला
दरअसल, 26 अक्टूबर 2025 को रायपुर के VIP चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति से तोड़फोड़ की गई थी. इसकी जानकारी मिलते ही अगले दिन अमित बघेल मौके पर पहुंचे और जमकर हंगामा किया. इस दौरान बघेल समर्थक और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई. हंगामे के बाद छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति दोबारा स्थापित की गई. पुलिस ने अगले दिन सुबह राम मंदिर के पास से आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी मानसिक रूप से बीमार था और उसने नशे में मूर्ति तोड़ी थी.
प्रदर्शन के दौरान अमित बघेल ने अग्रवाल समाज और सिंधी समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद देशभर में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज भड़क उठा था. रायपुर, रायगढ़ और सरगुजा समेत कई जिलों और राज्यों में समाज के लोगों ने विरोध जताते हुए FIR दर्ज कराई थी. सिंधी समाज के पदाधिकारियों ने कोतवाली थाने में अमित बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
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