शिवा यादव, सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जगरगुंडा क्षेत्र के चिमलीपेंटा निवासी 40 वर्षीय बारसे रामेश्वर की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन समय पर वाहन उपलब्ध न होने के कारण उसे मोटरसाइकिल से जगरगुंडा स्वास्थ्य केंद्र लेकर जा रहे थे, तभी रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

परिजनों के अनुसार, रामेश्वर के हाथ-पैर में सूजन और पेट दर्द की शिकायत थी और इससे पहले भी वह जगरगुंडा अस्पताल में उपचार करा चुका था। रामेश्वर की मौत के बाद परिजनों ने शव को एंबुलेंस से घर तक भेजने की मांग की, तो चालकों ने बहाना बनाया कि एक बीमार है और दूसरा छुट्टी पर है। जिसके बाद एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजनों को मजबूरन छह किलोमीटर तक खाट पर शव लेकर जाना पड़ा। मृतक के भांजे मड़कम हिड़मा ने लल्लूराम डॉट कॉम को कॉल कर पूरी घटना की जानकारी दी।

जगरगुंडा सरपंच नित्या कोसमा ने कहा कि यह घटना मेरे संज्ञान में आई है, जो कि बहुत ही निंदनीय है। अंदरूनी क्षेत्रों में ग्रामीणों के पास कोई सुविधा नहीं होती है, जिसके कारण काफी दिक्कत होती है और एंबुलेंस आम लोगों की सेवा के लिए शासन-प्रशासन देती है। यह घटना काफी निंदनीय है कि शव को खाट में रखकर ले जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं शासन-प्रशासन से मांग करूंगी कि जगरगुंडा में सुविधाएं बढ़ाई जाएं, ताकि आसपास के अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को इस प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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