उमेश यादव, सागर। नरयावली के चांदामऊ में दस दिन पहले हुए अग्निकांड ने अब एक नया और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। इस वीभत्स घटना में दो सगे भाई, कार्तिक और अनुज की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। जबकि अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही 23 साल की बहन ने होश में आते ही पुलिस को बयान में आरोपी का नाम ऑन रिकॉर्ड दर्ज कराया है। घायल युवती ने साफ तौर पर गांव के एक युवक फईम उर्फ छोटू पर घर में आग लगाने और दरवाजा बाहर से बंद करने का आरोप लगाया है।

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यह घटना लगभग 10 दिन पहले हुई थी, जिसके बाद परिवार के तीन सदस्य बुरी तरह झुलस गए थे। उपचार के दौरान 7 दिसंबर को एक भाई और 13 दिसंबर को दूसरे भाई की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, अग्निकांड की वजह संदिग्ध प्रेम प्रसंग और बदले की भावना थी। बताया जाता है कि परिवार की एक अन्य युवती के संबंध में विवाद होने पर आरोपी फईम खान ने कथित तौर पर घर जलाने की धमकी दी थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब घर में आग लगी, तब पीड़ितों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी। गंभीर रूप से झुलसी युवती ने अपने बयान में पुष्टि की है कि उसने आग लगाकर भाग रहे लोगों में फईम खान को पहचाना था।

पीड़ित पक्ष अनुसूचित जाति वर्ग से है। एक नाबालिग सहित दो बेटों की मौत और बेटी के गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, पुलिस की शुरुआती कार्रवाई बेहद धीमी रही। फईम नाम के शख्स के खिलाफ बयान दर्ज करवाने के बावजूद, 8 से 9 दिन तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया। शुरूआती एफआईआर में पुलिस ने महज सामान्य आगजनी का मामला दर्ज किया था। जबकि परिवार के बताए अनुसार एफआईआर न करने के गंभीर आरोप लगे।

परिजनों का कहना है कि आरोपी फईम खान घटना के बाद भी लगातार परिवार को नाम न लेने की धमकी देता रहा। नरयावली थाना प्रभारी कपिल लक्ष्यकार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि अग्निकांड के कारणों की जांच की जा रही है और दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि, नामजद बयान के बाद भी संदेही फईम खान के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।

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