पटना। दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग 4 जनवरी तक बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित चकिया में बने विराट रामायण मंदिर पहुंचेगा। नए साल में इसे फरवरी तक मंदिर में स्थापित करने की योजना है। अब तक यह शिवलिंग लगभग 1635 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुका है। यह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र होते हुए मध्य प्रदेश में पहुंचा और अब उत्तर प्रदेश से होते हुए बिहार में प्रवेश करेगा। उत्तर प्रदेश और बिहार में विभिन्न जगहों पर इसका स्वागत किया जाएगा।

10 से 15 जगहों पर सम्मानपूर्वक स्वागत

महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल के अनुसार यात्रा के दौरान जहां भी वाहन रुका वहां भक्त शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए जुट रहे हैं। बिहार में यह आरा, सकड्डी, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, कजरिया और केसरिया होते हुए विराट रामायण मंदिर पहुंचेगा। बिहार में इसे 10 से 15 जगहों पर सम्मानपूर्वक स्वागत किया जाएगा।

वजन 210 मीट्रिक टन

यह 33 फीट लंबा शिवलिंग एक ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर से बना है और इसका वजन 210 मीट्रिक टन है। इस पर 108 सहस्त्रलिंगम बनाए गए हैं। शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में पिछले दस वर्षों में किया गया। 21 नवंबर को इसे 96 चक्का वाले ट्रक से मंदिर तक सड़क मार्ग से रवाना किया गया। निर्माण पर लगभग 3 करोड़ रुपये खर्च हुए।

मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट

विराट रामायण मंदिर महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा बन रहा है। मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग और गर्भ गृह का पाइलिंग कार्य पूरा हो चुका है। यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा, जिसमें 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे। मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट है। मंदिर में चार आश्रम होंगे और यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बनेगा। पटना से इसकी दूरी लगभग 120 किलोमीटर है।