देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मनरेगा के नाम बदलने को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि किसी योजना का नाम बदलना सिर्फ़ काग़ज़ी बदलाव नहीं होता-इस पर सरकारी खज़ाने से करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, जिनका सीधा बोझ जनता पर पड़ता है।
गरीबी खत्म करने की दिशा में एक भी काम नहीं
यशपाल आर्य ने कहा कि असली सवाल यह है कि क्या नाम बदलने से गाँव के मज़दूर की ज़िंदगी बदलेगी? क्या इससे बेरोज़गारी या महंगाई कम होगी? यह बदलाव तो मनरेगा की रोज़गार गारंटी की आत्मा पर सीधा हमला है। फंड घटाना, मांग आधारित काम खत्म करना और राज्यों पर बोझ डालना, सब मिलकर मज़दूर को असुरक्षित बना देता है। देश में गरीबी खत्म करने की दिशा में एक भी काम नहीं हो रहा है, गरीबों को खत्म करने के लिए सबकुछ हो रहा है।
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नेता प्रतिपक्ष आर्य ने आगे कहा कि धन का केंद्रीय करण कर सिर्फ 10% लोगों की आय के आधार पर 90% लोगों को विकसित भारत का सपना दिखाकर मूर्ख बनाया जा रहा है। जब देश की जनता रोज़गार और राहत की उम्मीद कर रही है, तब सरकार को प्रतीकों की राजनीति छोड़कर ज़मीनी हक़ीक़त पर काम करना चाहिए।
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