पटना। जेडीयू के वरिष्ठ सांसद संजय कुमार झा ने राज्यसभा में मैथिली भाषा के संरक्षण, संवर्धन और डिजिटल उपयोग को लेकर एक अहम मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि मैथिली भाषा की प्राचीन तिरहुता/वैदेही लिपि को आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आधिकारिक रूप से शामिल किया जाए ताकि भाषा को नई पीढ़ी से जोड़ा जा सके।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर तिरहुता लिपि की जरूरत

संजय कुमार झा ने सदन में कहा कि आज के डिजिटल युग में भाषा का अस्तित्व तभी मजबूत रह सकता है जब वह तकनीक से जुड़ी हो। उन्होंने गूगल कीबोर्ड, एंड्रॉयड, iOS ऑपरेटिंग सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में तिरहुता/वैदेही लिपि को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे मैथिली भाषी लोग अपनी मातृभाषा में सहज रूप से डिजिटल संवाद कर सकेंगे।

करोड़ों मैथिली भाषियों को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि इस पहल से न सिर्फ बिहार और मिथिला क्षेत्र, बल्कि देश-विदेश में रह रहे करोड़ों मैथिली भाषियों को अपनी भाषा और लिपि में डिजिटल अभिव्यक्ति का अवसर मिलेगा। यह कदम मैथिली भाषा की समृद्ध विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक होगा।

डिजिटल समावेशन की दिशा में बड़ा कदम

जेडीयू सांसद ने इसे डिजिटल समावेशन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा कि भाषा लिपि और संस्कृति का संरक्षण राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। मैथिली और तिरहुता लिपि को डिजिटल मंचों पर स्थान मिलना मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देगा।