सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देशों में पाकिस्तानी भिखारियों का संकट बढ़ता जा रहा है। धार्मिक यात्रा के नाम पर वीजा लेकर खाड़ी देशों में पहुंचने वाले पाकिस्तानी न केवल भीख मांगते हैं बल्कि इसे माफिया का रूप भी दे रहे हैं। यह खुलासा पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) के महानिदेशक रिफत मुख्तार राजा ने किया है। उन्होंने नेशनल असेंबली की प्रवासी पाकिस्तानी और मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति को बताया कि इस साल सऊदी अरब ने 56,000 पाकिस्तानी भिखारियों को निर्वासित किया है।
एजेंसी ने भिखारी गिरोह के 66,154 सदस्यों को सऊदी अरब के विमान से उतारा है। इन भिखारियों पर आरोप है कि वे उमरा वीजा लेकर खाड़ी देशों में जाकर रैकेट बनाते हैं और वहां भीख मांगते हैं।
पर्यटन और उमराह के बहाने पहुंच रहे सऊदी
रिफत मुख्तार ने समिति को बताया कि संदिग्ध यात्रा दस्तावेजों के कारण लगभग 51,000 यात्रियों को रोका गया, जिनमें कार्य, पर्यटन और उमराह वीजा शामिल थे। ये पर्यटन और उमराह वीजा लेकर सऊदी पहुंच रहे हैं और वहां भीख मांग रहे हैं। भीख मांगने वाले नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिए पिछले साल 35,000 को विमान से उतारा गया था। मुख्तार ने बताया कि भिखारियों से परेशान होकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है।
पाकिस्तान की हो रही अंतरराष्ट्रीय बदनामी
मुख्तार ने समिति को बताया कि अवैध प्रवासन और भीख मांगने वाले गिरोह पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। सऊदी अरब के अलावा दुबई ने 6,000 और अजरबैजान ने लगभग 2,500 पाकिस्तानी भिखारियों को वापस भेजा है। अफ्रीका और यहां तक कि कंबोडिया और थाईलैंड जैसे देशों में पर्यटक वीजा पर अवैध प्रवासन के रुझान देखे गए हैं। FIA ने समिति को सूचित किया कि सत्यापान के लिए मोबाइल एप्लिकेशन बनाया जा रहा है।
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