राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार शराब उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। मप्र में शराब का उत्पादन तो बढ़ेगा, लेकिन यहां की सप्लाई सीमित रहेगी। ज्यादा उत्पादन दूसरे राज्यों और विदेशों में निर्यात किया जाएगा। इसके लिए सरकार एक नई एकीकृत आबकारी नीति बनाने जा रही है, जिससे राज्य के राजस्व में भारी इजाफा होने की उम्मीद है।  

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार शराब उद्योग को नए आयाम देने की तैयारी में है। नई नीति के तहत डिस्टिलरी और बॉटलिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो। लेकिन राज्य में शराब की उपलब्धता को नियंत्रित रखते हुए अतिरिक्त उत्पादन को अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजा जाएगा। 

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सरकार का मानना है कि विदेशी बाजार में भारतीय शराब, खासकर मप्र में बनने वाली हेरिटेज और स्पेशल लिकर की अच्छी डिमांड है। इससे न सिर्फ निर्यात बढ़ेगा, बल्कि राज्य को विदेशी मुद्रा भी मिलेगी। साथ ही, घरेलू स्तर पर दूसरे राज्यों को सप्लाई से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि एकीकृत नीति में निर्यात को आसान बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। लाइसेंसिंग, क्वालिटी कंट्रोल और एक्सपोर्ट प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। इससे उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और नए निवेश आएंगे।  

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