JHARKHAND: झारखंड के साहिबगंज-पाकुड़ रेलखंड के बरहरवा स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए न्यू दिल्ली-फरक्का एक्सप्रेस से 1000 से अधिक जीवित कछुए बरामद किए. आरपीएफ ने इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं. आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि फरक्का एक्सप्रेस में कछुआ तस्करी हो रही है. बरहरवा स्टेशन पर ट्रेन की तलाशी के दौरान कई बैगों में भरे हुए कछुए मिले. बरामद कछुओं की संख्या 1000 से अधिक बताई जा रही है. इस कार्रवाई से अवैध वन्यजीव तस्करों में हड़कंप मच गया है. आरपीएफ ने बरामद कछुओं को वन विभाग को सौंप दिया है और गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ जारी है.

बरहड़वा स्टेशन पर आरपीएफ चेकिंग कर रही थी. इस दौरान डाउन फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन (15744) से अलग-अलग साइज के एक हजार से ज्यादा प्रतिबंधित कछुए बरामद हुए. इस चेकिंग अभियान के दौरान दो महिलाओं और एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया गया. सभी कछुओं को 22 बैग में भरकर तस्करी की जा रही थी. आरपीएफ की कार्रवाई के दौरान कुछ तस्कर भागने में कामयाब रहे. फिलहाल आरपीएफ आगे की जांच कर रही है.

RPF की ओर से वन विभाग को भी जानकारी दे दी गई है, ताकि वे कछुओं की गिनती करके उन्हें सुरक्षित जगह पर छोड़ सकें. गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान पता चला कि कछुओं को वाराणसी स्टेशन पर ट्रेन में लोड किया गया था और उन्हें फरक्का ले जाया जा रहा था.

पकड़े गए तीनों तस्कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के निवासी हैं। इनमें 25 वर्षीय करण पथकर, 30 वर्षीय मंजू पथकर और ऊषमा पथकर शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में कछुए कहां से और किसके संरक्षण में लाए जा रहे थे. आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार के अनुसार शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि कछुओं को वाराणसी रेलवे स्टेशन पर एक बड़े तस्कर ने दो महिलाओं और एक पुरुष को फरक्का ले जाने के लिए दिया था. तस्करों के पास इतनी भारी मात्रा में कछुआ कहां से आया और वे इसे किसके संरक्षण में ला रहे थे, इसकी जांच चल रही है. वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है और कछुओं को सुरक्षित रूप से गंगा नदी में छोड़ दिया जाएगा.

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