सुरेंद्र जैन, धरसीवा। औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस वन में स्थित फैक्ट्री में एक बार फिर हादसा हुआ है, जिसमें तखतपुर के एक श्रमिक की मौत हो गई। वहीं तीन अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बढ़ती औद्योगिक घटनाओं पर जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष पप्पू राजेंद्र बंजारे ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से सवाल किया है कि औद्योगिक घटनाओं पर आखिर कब लगाम लगेगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार शाम लगभग पांच बजे की है। फैक्ट्री में सडडाउन में पावर प्लांट के पास काम चल रहा था, तभी ब्लास्ट हुआ, जिससे वहां काम कर रहे चार श्रमिक इसकी चपेट में आकर झुलस गए। इस घटना में कृष्णा पूरी गोस्वामी पिता सिद्धेश पूरी गोस्वामी निवासी आजाद पारा तखतपुर की मौके पर ही मौत हो गई। साथ ही तीन अन्य श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें रायपुर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

औद्योगिक सुरक्षा पर सवालिया निशान

फैक्ट्री में हुई इस दर्दनाक घटना ने उद्योगों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। श्रमिक की मौत और तीन अन्य के झुलसने की घटना से पहला बड़ा सवाल तो यही उठ रहा कि क्या श्रमिक असुरक्षित रूप से खतरनाक जगह काम कर रहे थे। क्या श्रमिक पर्याप्त ओर ओरिजनल आईएसआई मार्का के सुरक्षा उपकरण धारण नहीं किए थे। उद्योग प्रबंधन ओर औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग क्या कर रहा है।

पहले भी फैक्ट्री में हो चुके हैं हादसे

फैक्ट्री में हादसा कोई नई बात नहीं है। इसके पूर्व भी इस फैक्ट्री में हादसे हो चुके हैं, जो उद्योग प्रबंधन को कटघरे में खड़ा करता है। इसी साल अभी अगस्त माह में यहां दर्दनाक हादसे में गिरौद निवासी एक श्रमिक की मौत हुई थी और ग्रामीणों ने पूरे दिन फैक्ट्री के सामने धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन बाद में ऐसा समझौता हुआ कि न तो मृतक का पोस्टमार्टम हुआ न ही पुलिस में मामला दर्ज हुआ।

फैक्ट्री प्रबंधन और मालिकों के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई : पप्पू बंजारे

उद्योगों में लगातार हादसे को लेकर जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष पप्पू राजेंद्र बंजारे ने कहा है कि रायपुर ग्रामीण के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगों में बार-बार हो रहे हादसे में मजदूरों की मौत अत्यंत दुखद एवं निंदनीय है। इसके लिए केवल फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ नहीं, बल्कि मालिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है। साथ ही मृतक मजदूर के परिवार को 1 करोड़ रुपये एवं गंभीर रूप से घायल मजदूरों को 50 लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाना चाहिए। तभी सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित होगा। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रुकेगी और मजदूरों का जीवन सुरक्षित रहेगा। फैक्ट्री मलिक के ऊपर पुलिस प्रशासन एफआईआर दर्ज नहीं करेगी एवं मृतक परिवार को बड़ी राशि नहीं दी गई तो कांग्रेस आंदोलन के लिए बाध्य होगा।