Tulsi Gabbard On Islamic ideology: अमेरिका में कंजर्वेटिव सम्मेलन के दौरान इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने एक बार फिर इस्लामवादी विचारधारा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लामी विचारधारा से खतरे कई रूपों में सामने आते हैं। जैसे-जैसे हम क्रिसमस के करीब आ रहे हैं, जर्मनी में इस खतरे के कारण क्रिसमस मार्केट्स को रद्द किया जा रहा है। तुलसी गबार्ड का वैश्विक सुरक्षा और धार्मिक उग्रवाद को लेकर दिया गया यह बयान अब अंतरराष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन गया है। अमेरिका में AMFest (AmericaFest) कार्यक्रम के दौरान नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने इस्लामवादी विचारधारा को लेकर तीखी टिप्पणी की है।

अमेरिका में AMFest बड़ा कंजर्वेटिव (रूढ़िवादी) राजनीतिक सम्मेलन है। इस कार्यक्रम को तुलसी गबार्ड ने संबोधित किया और कहा, जैसे-जैसे क्रिसमस नजदीक आ रहा है, जर्मनी में सुरक्षा खतरों के चलते क्रिसमस मार्केट रद्द किए जा रहे हैं। उन्होंने इसे इस्लामवादी खतरे से जोड़ते हुए कहा कि यह समस्या सिर्फ किसी एक देश तक सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा, जब हम इस्लामवाद के खतरे की बात करते हैं, जो कि एक राजनीतिक विचारधारा है तो उसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता या आजादी जैसी कोई चीज़ नहीं होती। तुलसी गबार्ड ने आगे कहा कि इस विचारधारा की प्रकृति को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जैसा कि बार-बार कहा गया है। यह विचारधारा मूल रूप से अमेरिका की स्वतंत्रता पर आधारित नींव के साथ संगत नहीं है। उन्होंने न्यू जर्सी के पैटरसन शहर का उदाहरण दिया और कहा कि वहां खुद को ‘पहला मुस्लिम शहर’ कहने पर गर्व किया जाता है और स्थानीय सरकारों के भीतर ऐसे इस्लामी सिद्धांतों को लागू करने की कोशिशें हो रही हैं। जिन्हें कानूनों या हिंसा के जरिए लोगों पर थोपा जाता है।

तुलसी गबार्ड ने क्या कहा है?

इस इस्लामवादी विचारधारा से पैदा होने वाले खतरे कई रूपों में सामने आते हैं। जैसे-जैसे हम क्रिसमस के करीब पहुंच रहे हैं, इस वक्त जर्मनी में इसी खतरे की वजह से क्रिसमस मार्केट रद्द किए जा रहे हैं। जब हम इस्लामवाद के खतरे की बात करते हैं, जो एक राजनीतिक विचारधारा है, तो उसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता या आजादी जैसी कोई चीज नहीं होती। जैसा कि चार्ली बार-बार कहते रहे हैं, यह मूल रूप से हमारे देश की स्वतंत्रता की बुनियाद के साथ असंगत है।

‘अमेरिका के भीतर ही शुरू हो चुकी है प्रक्रिया’

तुलसी गबार्ड ने इस्लामवादी विचारधारा को लेकर चेतावनी दी और कहा, यह कोई काल्पनिक या भविष्य की आशंका नहीं है, बल्कि अमेरिका के भीतर ही कई जगहों पर यह प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है। गबार्ड के मुताबिक, अमेरिकी कानूनी और राजनीतिक व्यवस्थाओं का इस्तेमाल कर शरीयत कानून लागू करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया गया है और इसके संकेत ह्यूस्टन जैसी जगहों पर साफ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई संभावित खतरा नहीं, बल्कि देश की सीमाओं के भीतर घटित हो रही वास्तविकता है।

‘स्वतंत्रता का स्रोत ईश्वर, सरकार नहीं’

गबार्ड ने यह तर्क रखा कि अमेरिका में स्वतंत्रता का सोर्स कोई सरकार या सत्ता नहीं, बल्कि ईश्वर है. उन्होंने कहा कि जब यह समझ साफ होती है, तभी इस्लामवादी विचारधारा से पैदा होने वाले खतरे की गंभीरता को सही मायने में समझा जा सकता है। उनके अनुसार, यह विचारधारा इस मूल विश्वास को ही नकारती है कि ईश्वर ने हर व्यक्ति को स्वतंत्रता का अधिकार दिया है।

चर्चा में आया तुलसी का बयान

फिलहाल, तुलसी के इस बयान को वैश्विक सुरक्षा, धार्मिक उग्रवाद और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ी बहस के संदर्भ में देखा जा रहा है। AMFest में दिया गया यह बयान ऐसे समय आया है, जब यूरोप और अमेरिका दोनों जगह सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हुई हैं, खासकर सार्वजनिक आयोजनों और धार्मिक त्योहारों के दौरान।

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