RSS chief Mohan Bhagwat On India Hindu Nation: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में RSS कार्यक्रम में भारतीय समाज में परिवार की संरचना (Family Structure in Indian Society) बनाए रखने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप (live-in relationship) में रहने वाले लोग जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। मोहन भागवत ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप वाले जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं तो आप संन्यासी बनें। उन्होंने परिवार के महत्व पर जोर दिया और कहा कि शादी सिर्फ शारीरिक संतुष्टि जरिया नहीं है।
वहीं भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है, संवैधानिक मंजूरी की जरूरत नहीं है। आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और तब तक हिंदू राष्ट्र रहेगा, जब तक देश में भारतीय संस्कृति का सम्मान किया जाता रहेगा।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप के कॉन्सेप्ट सभी के सामने है। इसमे आप जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवार, शादी, सिर्फ़ शारीरिक संतुष्टि का ज़रिया नहीं है। यह समाज की एक इकाई है। परिवार ही वह जगह है जहां एक व्यक्ति समाज में रहना सीखता है. लोगों के मूल्य वहीं से आते हैं। मोहन भागवत ने कहा कि परिवार एक संस्कृति और अर्थव्यवस्था का संगम है। ये कुछ मूल्यों को अपनाकर समाज को आकार देता है। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक गतिविधि भी परिवार के ज़रिए होती है. देश की बचत परिवारों में होती है। सोना परिवारों में होता है। सांस्कृतिक इकाई, आर्थिक इकाई, सामाजिक इकाई सब परिवार है। उन्होंने कहा कि आप संन्यासी बन सकते हैं, शादी न करें, ठीक है। लेकिन शादी न करना और परिवार को भी बनाए रखना, ऐसा नहीं हो सकता।
बच्चों के सवाल पर क्या बोले आरएसएस प्रमुख?
परिवार को बनाए रखने के मुद्दे पर, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हालांकि बच्चों की संख्या तय करने या शादी की उम्र तय करने का कोई फॉर्मूला नहीं है। हालांकि रिसर्च से पता चलता है कि तीन बच्चे आदर्श हो सकते हैं और शादी 19 से 25 साल की उम्र में की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कितने बच्चे होने चाहिए, यह परिवार में तय होता है, पति और पत्नी और समाज इसका कोई फ़ॉर्मूला नहीं दिया जा सकता। मैंने डॉक्टरों वगैरह से बात करके कुछ जानकारी हासिल की है और वे कहते हैं कि अगर शादी जल्दी हो खासतौर पर 19-25 साल की उम्र के बीच और तीन बच्चे हों तो माता-पिता और बच्चों की सेहत अच्छी रहती है। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि तीन बच्चे होने से लोग ईगो मैनेजमेंट सीखते हैं।
हिंदुस्तान की धरती पर रहने वाला हर किसी का पूर्वज हिंदू
कोलकाता में आरएसएस के ‘100 व्याख्यान माला’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सूर्य पूर्व से उगता है। यह कब से होता आ रहा है, यह हमें नहीं पता तो क्या इसके लिए भी संवैधानिक स्वीकृति की आवश्यकता है? हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है। जो भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है, वह भारतीय संस्कृति की कद्र करता है। जब तक हिंदुस्तान की धरती पर एक भी व्यक्ति जीवित है जो भारतीय पूर्वजों की महिमा में विश्वास रखता है और उसका सम्मान करता है तब तक भारत हिंदू राष्ट्र रहेगा। यही संघ की विचारधारा है।
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