शिवम मिश्रा, रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को 3200 पन्नों का 8वां पूरक चालान पेश किया है. इसके बाद चैतन्य की मुश्किलें बढ़ते नजर आ रही है. 8वें पूरक चालान में चैतन्य बघेल को 200 से 250 करोड़ रुपए मिलने का बड़ा खुलासा हुआ है. इस कथित लेन-देन का आधार सौम्या, अरुणपति, टुटेजा और अनवर ढेबर की व्हाट्सऐप चैट बताया गया है. (चैतन्य के खिलाफ 3200 पन्नों का चालान पेश)

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1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन
चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है. वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे. ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था. इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है.
ED ने चैतन्य बघेल को जन्मदिन के दिन किया था गिरफ्तार
ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन पर 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था. शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई.
क्या है शराब घोटाला ?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है. ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है. दर्ज FIR में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है. ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था.
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