कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी की जमीन पर फिर विवाद गहरा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि PM उषा कार्यक्रम के लिए काम शुरू होते ही मुस्लिम समाज ने उस जगह पर अपना सालों पुराना हक जता दिया। उन्होंने कब्रिस्तान की बंदोबस्त की जमीन बताया है।

दरअसल, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी को विशेष ग्रांट मिली है। इसके तहत इंजीनियरिंग संस्थान का विस्तार किया जा रहा है। वहां निर्माण शुरू होते ही मुस्लिम समाज की ओर से शाहरुख खान पहुंचे और दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि चार बीघा जमीन कब्रिस्तान की है। विवाद होने पर कुलगुरु प्रोफेसर राजकुमार आचार्य, प्रभारी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा, नायब तहसीलदार शिवदत्त कटारे और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

यूनिवर्सिटी के कुल सचिव ने कही ये बात

प्रशासन ने फिलहाल वह जगह छोड़ दी है, जहां कब्र बनी हुई है। बाकी शेष जमीन पर प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में नाप करने के बाद मार्किंग करते हुए जेसीबी के जरिए निर्माण कार्य शुरू करा दिया। जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुल सचिव राजीव मिश्रा का कहना है कि पीएम उषा के तहत विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान का विस्तार किया जाना है। ऐसे में निर्माण कार्य को लेकर काम शुरू कराया गया है, जो भी जगह पर मालिकाना हक का दावा कर रहे हैं, वह न्यायालय की शरण ले सकते हैं।

कोर्ट की शरण में शाहरुख

वहीं जमीन पर दावा करने वाले शाहरुख खान का कहना है कि बरसों पुरानी यह जगह दस्तावेजों में उनके नाम चढ़ी हुई थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने अचानक खसरे में अपना नाम दर्ज करवा लिया। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मौके पर उनकी सुनवाई नहीं की है, इसलिए वह अब कोर्ट की शरण में जाने मजबूर है।

जमीन पर दावा करने वाले शाहरुख खान

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