लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में SIR के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यूपी में 10 BLO की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े उन लोगों के है जो की सरकार के अधीन कर्मचारी थे। अधिकारियों के अमानवीय दबाव और प्रशासन की लापरवाही के चलते इनकी मौत हुई।
सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया
आराधना मिश्रा ने कहा कि अप्रत्याशित BLO के ऊपर बोझ डाला गया। जिनकी मौत हुई है उनमे से शिक्षक और लेखपाल समेत कई कर्मचारी थे, जो अपना सरकारी कार्य करते थे और उसके बाद बाद SIR का फार्म भरवाते थे और रातभर अपलोड करते थे, जिनकी वजह से उनकी मौत हुई। चुनाव आयोग और सरकार ने इन आत्महत्या का कोई संज्ञान नहीं लिया ना ही कोई जवाबदेही दी। प्रशासनिक और सुयोजित जल्दबाजी का असर था जो इन BLO की मौत हुई।
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गरीब, दलित और पिछड़ों के वोट काटे गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 करोड़ वोट गायब लेकिन चुनाव आयोग 2.92 करोड़ वोट गायब होने की बात कही ऐसे में आखिर ये अंतर क्यों ? गरीब, दलित और पिछड़ों के वोट काटे गए है। सरकार और चुनाव आयोग को आगे आना पड़ेगा और यह बात स्वीकारना होगा कि उनकी कमियों की वजह से BLO की मौत हुई।
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मंत्री सुरेश खन्ना ने दिया जवाब
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि चुनाव आयोग के अंतर्गत आती हैं। उन्होंने आर्टिकल 13-AA का जिक्र करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने अपने लोगों को खोया, उनके साथ हमारी संवेदना है। लेकिन, मौत कैसे हुई ये जांच का विषय है। मानवीय आधार पर हमारी संवेदना उनके परिवारों के साथ हैं। हम उनको बाकी सभी सरकारी कर्मचारियों के बराबर ही ट्रीट करेंगे।
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