सोहराब आलम/मोतिहारी, पूर्वी चंपारण। जिले की पुलिस ने अपहरण के एक फर्जी मामले की आड़ में की जा रही साइबर ठगी के बड़े मामले का खुलासा किया है। इस घटना में साइबर ठगों ने एक बच्चे के लापता होने की सूचना का गलत फायदा उठाकर उसके परिजनों से 50 हजार रुपये की ठगी कर ली। हालांकि पुलिस की सक्रियता से बच्चा सकुशल बरामद कर लिया गया है। दरअसल, चांदमारी इलाके के मो. आरिफ नामक एक बच्चा अचानक घर से लापता हो गया था। बच्चे के नहीं मिलने पर परिजन परेशान हो गए और उसकी तलाश में पुलिस को सूचना दी गई। साथ ही परिजनों ने बच्चे की फोटो, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी सोशल मीडिया पर साझा कर दी, ताकि जल्द से जल्द कोई सुराग मिल सके। इसी बीच साइबर ठगों ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही जानकारी को हथियार बनाकर परिजनों को निशाना बनाया।
50 हजार रुपये की मांग की
साइबर अपराधियों ने खुद को अपहरणकर्ता बताकर परिजनों को फर्जी वीडियो और मैसेज भेजे और बच्चे की जान को खतरा बताकर 50 हजार रुपये की मांग की। डर और घबराहट में आकर परिजनों ने ठगों को रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साइबर ठगी का मामला
मामले की जानकारी देते हुए मोतिहारी सदर एसडीपीओ दिलीप कुमार ने बताया कि यह पूरा मामला अपहरण का नहीं, बल्कि साइबर ठगी का है। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि एक संगठित गिरोह इस तरह की झूठी अपहरण की साजिश रचकर लोगों से पैसे वसूल रहा है। पुलिस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी हुई है।
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परिजनों ने राहत की सांस ली
एसडीपीओ ने बताया कि बच्चा दरअसल घर से किसी काम का बहाना बनाकर मुजफ्फरपुर चला गया था और कुछ समय बाद वह खुद ही वापस लौट आया। बच्चे के सकुशल मिलने से परिजनों ने राहत की सांस ली।
पुलिस को दें जानकारी
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं में सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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