बांग्लादेश में स्वतंत्र मीडिया पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. देश के प्रमुख निजी टीवी चैनल ग्लोबल टीवी बांग्लादेश को आग लगाने की धमकी दी गई है. इसके बाद पत्रकार समुदाय में गहरी चिंता फैल गई है. यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब कुछ ही दिन पहले देश के दो बड़े अखबार प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर भीड़ ने हमला कर आगजनी की थी. आरोप है कि युवकों ने चेतावनी दी कि अगर मुन्नी को पद से नहीं हटाया गया तो चैनल के दफ्तर को भी उसी तरह जला दिया जाएगा, जैसा हाल ही में प्रोथोम आलो और डेली स्टार के साथ हुआ. नाजनीन मुन्नी ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि घटना के वक्त वह दफ्तर में मौजूद नहीं थीं. उनके अनुसार, शाम करीब 8 बजे सात-आठ युवक चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर अहमद हुसैन से मिले. पहले उन्होंने ग्लोबल टीवी की उस कवरेज पर आपत्ति जताई जिसमें इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत की खबर दिखाई गई थी.
21 दिसंबर को युवकों का एक समूह ढाका के तेजगांव इलाके में स्थित Global TV के दफ्तर पहुंचा. इस समूह ने खुद को ‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ से जुड़ा बताया और चैनल की हेड ऑफ न्यूज नाजनीन मुन्नी को हटाने की मांग की.मुन्नी के अनुसार, युवकों ने मैनेजिंग डायरेक्टर से 48 घंटे के भीतर उन्हें हटाने का लिखित आश्वासन देने को कहा. जब उन्होंने इनकार किया तो समूह ने कथित तौर पर आग लगाने की धमकी दोहराई. घटना के बाद चैनल प्रबंधन ने नाजनीन मुन्नी को कुछ दिनों तक दफ्तर न आने और शांत रहने की सलाह दी. लेकिन मुन्नी ने सार्वजनिक रूप से सामने आकर कहा कि अब चुप रहना संभव नहीं है. उनका कहना है कि यह केवल उनके खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी मीडिया को डराने की एक संगठित कोशिश है.
प्रोथोम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के केंद्रीय अध्यक्ष रिफात राशिद ने स्वीकार किया कि संगठन की सिटी कमेटी का एक सदस्य बिना अनुमति Global TV गया था. उन्होंने दावा किया कि संगठन किसी भी तरह की हिंसा या धमकी का समर्थन नहीं करता और संबंधित सदस्य को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है.
नाज़नीन मुन्नी, ग्लोबल टीवी की पत्रकार और बांग्लादेश की लोकप्रिय एंकर हैं, जिन्होंने पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया था। उन्होंने छात्रों के समर्थन में दर्जनों टीवी शो किए थे और सोशल मीडिया पर दर्जनों पोस्ट लिखी थी। लेकिन अब वो खुद मोहम्मद यूनुस के बेलगाम चेले चपाटों के निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने सच लिखनी शुरू कर दी है। नाजनीन मुन्नी का कहना है कि हाल के महीनों में कई पत्रकारों को धमकियां मिली हैं, जिनमें जामुना टीवी की संपादक रोक्साना अंजुमन निकोल भी शामिल हैं. उनका आरोप है कि मीडिया में प्रभाव रखने वाली आवाजों को एक-एक कर निशाना बनाया जा रहा है ताकि आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को चुप कराया जा सके.


