भारतीय सेना ने इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया एप्लिकेशन के इस्तेमाल पर पॉलिसी जारी की है, जिसमें जवानों को “सिर्फ देखने और मॉनिटरिंग के मकसद से” इंस्टाग्राम एक्सेस करने की इजाज़त दी गई है. इंस्टाग्राम पर कोई कमेंट/व्यूज़ शेयर नहीं किए जाएंगे. रक्षा अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इसी तरह से स्काइप, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ऐप्स के लिए – सामान्य जानकारी/कंटेंट के आदान-प्रदान की अनुमति दी गई है. कंटेंट सिर्फ़ जाने-पहचाने लोगों के साथ ही शेयर किया जाएगा. पाने वाले व्यक्ति की सही पहचान करने की ज़िम्मेदारी यूज़र की होगी. यूट्यूब, X (पहले ट्विटर), Quora और इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स के लिए – सिर्फ़ जानकारी पाने के लिए पैसिव भागीदारी की अनुमति है. यूज़र द्वारा बनाया गया कंटेंट/मैसेज वगैरह अपलोड करने की अनुमति नहीं है. लिंक्डइन का इस्तेमाल सिर्फ़ संभावित कर्मचारियों/नियोक्ताओं के बारे में जानकारी पाने के लिए रिज्यूमे अपलोड करने के लिए किया जा सकता है.
भारतीय सेना के जवानों को पांच साल बाद सोशल मीडिया एप्स के इस्तेमाल की परमिशन मिल गई है। यह भारतीय सेना के सभी रैंकों पर लागू होता है। हालांकि कुछ शर्तें लागू रहेंगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नई गाइडलाइन के तहत जवान इंस्टाग्राम पर रील, फोटो और वीडियो देख सकेंगे, लेकिन लाइक, कमेंट करने की अनुमति नहीं है।
सरकार ने 2020 में संवेदनशील सूचनाएं लीक होने की आशंका के चलते जवानों और अधिकारियों को 89 एप हटाने का आदेश दिया था। इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, जूम और पबजी शामिल थे। इन एप के जरिए उस वक्त हनीट्रैप के कई मामले सामने आए थे।
दरअसल 2020 से पहले जवानों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर हनी ट्रैप के मामले बढ़ गए थे। भारतीय सैन्यकर्मियों के सोशल मीडिया पर हनीट्रैप होने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाएं लीक होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी थीं।
सेना का दावा था कि एप के जरिए सूचनाएं जुटाकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देश सीमा और नियंत्रण रेखा पर लगातार परेशानी पैदा कर रहे थे। इसी वजह से 2024 में सेना ने अपने अधिकारियों व जवानों से आधिकारिक कामकाज में वॉट्सएप के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी थी। बाद में पूरी तरह बैन लगा दिया था।
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