Ministry of Defence has Approved Defence Equipment: भारतीय सेना (Indian Army) को मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 80 हजार करोड़ की खरीद को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 29 दिसंबर को करीब 80 हजार करोड़ रुपये की रक्षा खरीद और अपग्रेड प्रस्तावों को मंजूरी दी। यह फैसला भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें टी-90 टैंकों का स्वदेशी ओवरहॉल, Mi-17 हेलीकॉप्टर अपग्रेड, लोइटरिंग मुनिशन, MRSAM मिसाइलें, Astra मार्क-2, पिनाका रॉकेट विकास और अमेरिका से दो MQ-9बी ड्रोन लीज शामिल है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेना प्रमुख, रक्षा सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख शामिल हुए। इस बैठक में शुक्रवार को आपातकालीन खरीद पर निर्णय लिया गया।
DAC की बैठक में रक्षा मंत्रालय के बड़े अधिकारी और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। ये फैसले भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध तैयारी को नई ऊंचाई देंगे। सीमाओं पर मजबूत संदेश देंगे. आगे इन प्रस्तावों को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी मिलने के बाद ठेके दिए जाएंगे। डीएसी कल अन्य मामलों की समीक्षा करेगा, जिनमें नौसेना के लिए एस्ट्रा वायु-से-वायु मिसाइल (200 किमी तक की मारक क्षमता वाली), एमआर-एसएएम या मध्यम दूरी की सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइलों का विकास और उत्पादन, और सेना के लिए 200 टी-90 टैंकों का नवीनीकरण शामिल है। विचाराधीन अन्य महत्वपूर्ण निर्णय स्पाइस गोला-बारूद से संबंधित होंगे, ताकि हमलों को अधिक सटीक बनाया जा सके, युद्धपोतों और पनडुब्बियों को बंदरगाहों में लाने-ले जाने के लिए टगबोटों का उपयोग किया जा सके, और कम स्तरीय रडारों के साथ-साथ लोइटरिंग गोला-बारूद से भी संबंधित होंगे।
मुख्य मंजूरियां क्या हैं?
एमआरएसएएम मिसाइलें: भारतीय नौसेना और वायुसेना के लिए मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) खरीदी जाएंगी। इससे हवाई और समुद्री रक्षा मजबूत होगी।
टी-90 भीष्म टैंकों का ओवरहॉल: करीब 200 टी-90 टैंकों का स्वदेशी तरीके से मिड-लाइफ अपग्रेड और ओवरहॉल किया जाएगा। यह काम डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट (DPSU) करेगी। इससे टैंकों की उम्र बढ़ेगी. लड़ाई में ताकत बढ़ेगी।
Astra मार्क-2 और मीटियोर मिसाइलें: वायुसेना के लिए बहुत बड़ी संख्या में Astra मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइलें (200 किमी से ज्यादा रेंज) विकसित और खरीदी जाएंगी। साथ ही कुछ मीटियोर मिसाइलें भी ली जाएंगी।
एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का अपग्रेड: मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर एमआई-17 का मिड-लाइफ अपग्रेड होगा। इससे हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल तैयारी और भरोसेमंदी बढ़ेगी।
लोइटरिंग मुनिशन (कामिकाज़ ड्रोन): आधुनिक युद्ध के लिए लोइटरिंग मुनिशन (सुसाइड ड्रोन) खरीदने की मंजूरी। ये ड्रोन दुश्मन के ठिकाने पर घूमकर सटीक हमला करते हैं।
पिनाका रॉकेट का विकास: 120 किलोमीटर रेंज वाली नई पिनाका रॉकेट का विकास मंजूर. खास बात यह है कि इन्हें मौजूदा 45 किमी और 80 किमी रेंज वाली पिनाका लॉन्चर से ही दागा जा सकेगा।
स्पाइस-1000 बम: इजरायल से बड़ी संख्या में स्पाइस-1000 एयर-टू-ग्राउंड गाइडेड बम खरीदने पर चर्चा हुई। ये बहुत सटीक हमले करते हैं।
एयर-टू-एयर रिफ्यूलर और AWACS: हवाई रिफ्यूलिंग टैंकर और एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) की खरीद के लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में बदलाव मंजूर। ये लंबी दूरी के हवाई ऑपरेशन के लिए जरूरी हैं।
इन फैसलों का महत्व
- आधुनिकीकरण: पुराने टैंक और हेलीकॉप्टरों को नया जीवन मिलेगा।
- आधुनिक युद्ध क्षमता: ड्रोन, लोइटरिंग मुनिशन और लंबी रेंज मिसाइलें से सटीक और तेज हमले संभव।
- स्वदेशी बढ़ावा: टी-90 ओवरहॉल, पिनाका और Astra जैसे प्रोजेक्ट से आत्मनिर्भर भारत को बल।
- लंबी दूरी की ताकत: रिफ्यूलर, AWACS और लंबी रेंज हथियारों से वायुसेना की पहुंच बढ़ेगी।
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