पीयूष जायसवाल, उज्जैन। हर साल की तरह इस साल भी महाकालेश्वर मंदिर परिसर और महाकाल लोक को सजाया जाएगा। खास बात यह है कि पुष्प और लाइट से सजावट के अलावा इस साल मंदिर नई सजावट में दिखेगा। भोलेनाथ के प्रिय डमरू और रुद्राक्ष से पहली बार मंदिर की सजावट की जा रही है। यह सजावट का काम महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन के दिशा-निर्देशोंके अनुरूप किया जाएगा।
रुद्राक्ष और डमरू से मंदिर के पिलर, नंदी द्वार समेत इन जगहों पर होगी सजावट
नई सजावट के तहत मंदिर परिसर और महाकाल लोक में पांच लाख रुद्राक्ष और 11 हजार डमरू से सजावट होगी। रुद्राक्ष और डमरू से मंदिर के पिलर, नंदी द्वार, शिखर, मानसरोवर प्रवेश द्वार और परिसर को सजाया जा रहा है। इस सजावट के लिए वडोदरा से 108 सदस्यी दल महाकाल मंदिर आया हुआ है। सजावट का काम शुरू कर दिया गया है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे काम पूरा कर लिया जाएगा।
भस्म आरती मार्ग बदला
बता दें कि नए साल के पहले दिन रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने और दर्शन करने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके लिए विशेष प्रबंध किए हैं। मंदिर में हर प्रकार के प्रोटोकॉल को बंद कर दिया गया है। इसी तरह भस्म आरती मार्ग को भी बदला है। साथ ही चलित भस्म आरती की शुरुआत की है, जिसका लाभ सुबह 5.15 बजे से लिया जा सकता है।
12 ज्योतिर्लिंग इसी प्रकार सजाने का संकल्प
सजावट के लिए आए डमरू वाला फाउंडेशन के सदस्य विभूल पटेल ने बताया कि उनके फाउंडेशन का संकल्प है कि 12 ज्योतिर्लिंग इसी प्रकार से सजाएं। गत वर्ष केदारनाथ मन्दिर को सजाया गया था । इस वर्ष महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सजाया जा रहा है। यह इसे अपनी ओर से बाबा महाकाल का चढ़ावा मान रहे हैं। 31 दिसंबर की रात 12:00 बजे तक पूरी तरह मंदिर सजा दिया जाएगा।
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