रायपुर- केंद्र सरकार की ओर से तय मिनिमम सपोर्ट प्राइज पर ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी होगी. विधानसभा में आज धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बयान दिया है. उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र की तय एमएसपी यानी 1850 रूपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदी की जाएगी. 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमने किसानों को 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदी किए जाने का वादा किया है, इसे पूरा किया जाएगा, लेकिन केंद्र के नीतिगत फैसले में आ रही अड़चनों को देखते हुए अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाएगी, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि विरोध केंद्र सरकार का नहीं केंद्र सरकार के सिस्टम का है, जिस केंद्र सरकार ने 2 सालों तक नियम को शिथिल किया अभी उस नियम को शिथिल क्यों नहीं किया जा रहा है, क्या केवल सरकार बदलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को सजा मिलेगी?  हम केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं. प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा.राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा. केंद्रीय खाद्य मंत्री ने हमारी मांगों का समर्थन किया लेकिन कहा कि निर्णय पीएमओ से होगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं. हम केंद्र सरकार से लड़ भी नहीं रहे. हम अपनी बात रख रहे हैं, विपक्ष की तरह चुप नहीं रह सकते. मैं विपक्षी साथियों से फिर से निवेदन कर रहा हूं कि विपक्ष एक बार पीएम से निवेदन कर ले.
बीजेपी सांसदों के निवास का घेराव किए जाने के मामले में विपक्षी सवालों के बीच भूपेश बघेल ने कहा कि हम सांसदों का घेराव करना नहीं चाहते थे. इसलिए हमने उन्हें याद दिलाने के लिए घेराव का कार्यक्रम बनाया था. इससे पहले हमने उनसे निवेदन किया था कि केंद्र सरकार से बात की जाए. धान के मसले पर हम राजनीति नहीं कर रहे, राजनीति तो बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार कर रही थी.

भूपेश बघेल ने कहा कि धान से एथेनाल बनाने के लिए प्लांट लगाए जाने पर भी केंद्र सरकार अड़ंगा लगा रही है. केंद्र सरकार मात्र एक साल के लिए अनुमति देने को तैयार है, जबकि करोड़ों रुपए खर्च करके जो भी प्लांट लगाएगा उसे कम से कम 2 साल समय का मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि धान खरीदी में देरी को लेकर बीजेपी सवाल उठा रही है, जबकि बीजेपी सरकार के वक्त भी खरीदी आगे बढ़ाई गई थी. बीजेपी सरकार ने भी अवैध धान परिवहन के दौरान हजारों क्विंटल धान जप्त किया था. जब आप की सरकार थी, तब यह काम अच्छा था, आज जब हम यह कर रहे हैं, तो गलत कैसे हो गए? सरकार ने किसी भी किसान का धान नहीं रोका है और ना ही रोका जाएगा. मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी तरह हम भी घोषणा करके चुप बैठ सकते थे, मगर हमने जो वादा किया है उसे निभाएंगे. आप हमारे एथेनॉल के प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं, पहले ये तो बताइए कि आपके जेटरोफा का क्या हुआ. इसके नाम पर करोड़ रूपये फूंक दिया.