रायपुर। प्रदेश के पंचायत मंत्री के विधानसभा में प्रदेश के शेष शिक्षकों का संविलियन पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप होने की घोषणा पर शिक्षाकर्मियों ने निराशा जताई है. शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने सरकार से अपने जनघोषणा पत्र में किये गए वायदे के अनुसार 2 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों के तत्काल संविलियन की मांग की है.

शालेय शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बयान जारी कर नवीन पदस्थापना के पूर्व सभी शिक्षकों के संविलियन की मांग की है. उन्होंने कहा कि पंचायत मंत्री के वक्तव्य का सीधा अर्थ है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन अभी नही किया जाएगा, बल्कि उन्हें आठ वर्ष इंतजार करना पड़ेगा. सरकार के इस फैसले से संविलियन से वंचित शिक्षक ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तत्कालीन बीजेपी शासन ने 8 वर्ष पूर्ण कर चुके 1 लाख 9 हजार शिक्षकों का संविलियन किया था, साथ ही शेष शिक्षकों का छह-छह माह में संविलियन करने का आदेश जारी किया था, जिससे संविलियन से वंचित शिक्षकों में काफी नाराजगी देखी गई थी, चुनाव पूर्व कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षकों का संविलियन करना, अनुकम्पा नियुक्ति, वेतन विसंगति, क्रमोन्नत वेतनमान आदि प्रदान करने की बात कही थी.

शासन के एक साल पूर्ण होने के बाद भी किसी भी प्रकार के मांग पूरा नही होने से प्रदेश के शिक्षक आक्रोशित हैं, साथ ही अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है। वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि सरकार अपने जनघोषणा पत्र का सम्मान करते हुए दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षकों का तत्काल संविलियन करना चाहिए साथ ही वेतन विसंगति, अनुकम्पा नियुक्ति, क्रमोन्नति से संबंधित किये गए अपने वायदों को पूर्ण करना चाहिए.