रायपुर। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को कहा था कि भौंरा चलाने, सोटा खाने और गेड़ी चढ़ने से विकास नहीं होता है. ऐसा कहकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अपमान किया है. छत्तीसगढ़ियों की आस्था का अपमान किया है. उन्हें इस बयान के लिये छत्तीसगढ़ की जनता से उन्हें माफ़ी मागनी चाहिये. विनोद तिवारी ने डॉ. सिंह को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि एक बार गेड़ी चढ़, भौंरा चला और सोटा खाकर दिखाए.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव विनोद तिवारी ने कहा कि कल डा. रमन सिंह ने कहा था कि गेड़ी चढ़ने भौंरा चलाने सोटा खाने से विकास नहीं होता, तो रमन सिंह को एक बात बताना चाहूँगा कि भूपेश बघेल ने ये तो नहीं कहा की इन सब बातों से विकास होता है, बल्कि इसलिये किया की ये सब छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा है. यहाँ के लोगों की आस्था है. भूपेश बघेल एक किसान के पुत्र है वो गाँव में पले बढ़े है. इसलिये वो इन सब खेलो और परंपराओं की अहमियत को समझते है और वे इस परंपरा का विकास ही कर रहे है पर आप क्या समझेंगे छतीसगढ़ की संस्कृति को आपके 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के संस्कृति की उपेक्षा की गई थी, अब जब आज छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी छत्तीसगढ़ के खेलो और परम्पराओं को पुनः जीवित करने की कोशिश कर रहे है तो आप उसके ख़िलाफ़ बयान बाज़ी कर अपना छत्तीसगढ़ विरोधी चेहरा स्वयं उजागर कर रहे है.
आपके 15 साल के कार्यकाल में आपने कभी भी कोई ऐसा कार्य किया क्या जिससे छत्तीसगढ़ियों की भावना जुड़ी हो आपने भी करवाया पर क्या छत्तीसगढ़ का करोड़ों रुपया ख़र्च कर करीना का ठुमका लगाव साथ में सेल्फ़ी खिंची और बात करते है विकास की. आपके कार्यकाल में हर विभाग में आपने लूटरो को बैठा रखा था जो दोनों हाथों से छत्तीसगढ़ को 15 साल तक लुटते रहे और अपना विकास करते रहे, याद है आपको आपने कहा था तेल नही खड़ी से अब तेल मिलेगा बाड़ी से करोड़ों अरबों रुपया बर्बाद कर दिये जेट्रोफ़ा जेट्रोफ़ा खेलते खेलते और अब उँगली उनपे उठा रहे है जो छत्तीसगढ़ के खेलो को पुनः जीवित करने का सराहनीय प्रयास कर रहे है.
रमन सिंह आज मैं आपको खुला चेलेंज करता हूं की अगर आप में हिम्मत है तो आप भी गेड़ी पर चल कर दिखाओ, आप भी अपने हाँथ पर भौंरा चला कर दिखाओ, आप भी हाथों में सोटा खाकर दिखाओ, तब आपको पता चलेगा की आप क्या है और भूपेश बघेल क्या है.
एक बात तो आप भुल रहे हैं वो मैं आपको याद दिला देता हूं दीपावली पूजा के दौरान यादव समाज कुछ भाईयों द्वारा डंडा चालने की भी परंपरा है उनके भी कार्यक्रम में उन्ही कि वेषभूषा में शामिल हो भूपेश बघेल ने डंडा भी चाला था. इस पर भी बोलिये ताकि लोग आपके असली चेहरे से अवगत हो, डाक्टर साहब विरोध सिर्फ़ इस लिये मत करिये की विरोध करना है.