कोर्ट ने अपने आदेश में कहा बैंक के बहिर्गामी संचालक मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन और तत्कालीन सीईओ डीआर साहू के खिलाफ 27 लाख 26 हजार 6 सौ 99 मूल और ब्याज सहित वसूली किए जाने का प्रमाण दस्तावेजों में प्रमाणित पाया गया है. बैंक के बहिर्गामी संचालक मंडल की अवैधानिक बैठक आयोजित करने का पूर्ण दोषी अध्यक्ष और सीईओ है. बहिर्गामी मंडल के उपाध्यक्ष और संचालक सदस्यगण को विधि का पूर्ण ज्ञान नहीं होता है. इस कारण न्यायलय उन्हें अवैधानिक संचालक मंडल की बैठक आहुत करने के संबंध में उनकी कोई भूमिका प्रमाणित नहीं पाया. बैक के तत्कालीन अध्यक्ष एवं सीईओ की सूचना पर वे बैठक में उपस्थित हुए तथा कार्यवाही पंजी पर हस्ताक्षर किए है.
इसलिए इस मामले में तत्कालीन अध्यक्ष और सीईओ से 27 लाख 26 हजार 6 सौ 99 पर लागू ब्याज सहित राशि यथाशीघ्र वसूली की कार्यवाही का निर्देश दिया जाता है.
दरअसल प्रीतपाल बेलचंदन में पर 2013 में यह आरोप लगा था कि संचालक मंडल का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद वे अवैधानिक तरीके से कार्यकाल पर बने है. उन्होंने अवैधानिक तरीके बैठके की और निर्णय लिए. उन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अवैधानिक तरीके से उन्होंने जिला दुर्ग और बालोद के जिला चिकित्सालयों को लाखों रुपये स्वास्थ्य संबंधी उपकरण प्रदान करना बताया हैं. लेकिन बहिर्गामी संचालक मंडल को यह अधिकार नहीं था.