नई दिल्ली. दिल्ली में पिछले तीन दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध और पक्ष को लेकर दो गुटों में हिंसा फैली हुई है. इस हिंसा में अब तक आधिकारिक रूप से 17 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 250 से अधिक घायल है. लेकिन ऐसी स्थिति में देश के कथित शांतिदूत कही भी नजर नहीं आ रहे है, जो दूसरे देशों में फैली हिंसा को शांत करने भारत से जाया करते है.

दिल्ली में सबसे ज्यादा हिंसा और तनाव उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, ब्रह्मपुरी, मुस्तफाबाद, चांदबाग, भजनपुरा, नूरे इलाही, करावल नगर, और गोकलपुरी इलाके देखी जा रही है. एक दिन पहले ही मंगलवार सुबह दोनों पक्ष के लोग सड़क पर आए और जमकर बवाल मचाया. कर्दमपुरी और सुदामापुरी इलाके में दिनभर रुक-रुककर पथराव और फायरिंग होती रही.

दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 17, 4 क्षेत्र में लगा है कर्फ्यू

  • यहां हुई फायरिंग

फायरिंग की बात करें तो मौजपुर स्टेशन के पास दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और जमकर पथराव किया. इसके बाद फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें शांत कराया गया. इसके अलावा करावल नगर में मुख्य सड़क पर दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई. उनमें लूटपाट भी की गई. नूरे इलाही में भी फायरिंग हुई. गोकलपुरी में एक धार्मिक स्थल पर आग लगा दी. घरों में तोड़फोड़ की गई. पथराव के साथ फायरिंग हुई. घोंडा चौक पर मिनी बस, बाइक समेत अन्य वाहनों में आग लगा दी गई.

  • पुलिस ने दी है चेतावनी

कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए देर रात दिल्ली पुलिस ने कई इलाकों में माइक से उपद्रवियों को सख्त संदेश दिया. हिंसा भड़काने वालों को देखते ही गोली मारने की चेतावनी दी गई. पुलिस ने देर शाम जाफराबाद और मौजपुर में प्रदर्शनकारियों को हटा दिया.

  • गृहमंत्री कर चुके है बैठक

राजधानी में हालात बिगड़ते देख केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोपहर में भाजपा, कांग्रेस और आप नेताओं के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने देर शाम सात बजे दोबारा आला अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सुबह आपात बैठक की. उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ दोपहर में अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल भी जाना. शाम को मुख्यमंत्री शहीद हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिवार से मिलने बुराड़ी पहुंचे लेकिन उन्हें बीच से लौटना पड़ा. उसी समय रतनलाल का पार्थिव शरीर पहुंचा था और सैकड़ों लोग जुटे थे.

  • ऐसे शुरू हुई हिंसा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी. दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए. मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए. इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.