रायपुर। कोरोना की महामारी के खिलाफ जंग में अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ की बेहतर प्रबंधन नजर आ रहा है. आदिवासी बहुल राज्य होने के बाद भी समय पूर्व प्रबंधन से छत्तीसगढ़ राज्य विकसित राज्यों के लिए एक उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता से हाथ जोड़कर घर लौटने की अपील का असर नजर आ रहा है.
प्रदेश के शहरी सहित दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों में कोरोना के खिलाफ दिखाई दे रही जन जागरूकता काबिले तारीफ है इस कामयाबी की वजह प्रदेश में लिए गए त्वरित निर्णय और प्रशासनिक दक्षता है. प्रदेश में समय रहते ही अपनी सीमाओं को सील करने सहित कई जरूरी फैसले लिए गए यही वजह है कि राज्य में कोरोना नियंत्रण की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है. इसके अलावा केंद्र से बेहतर समन्वय के साथ ही महामारी के नियंत्रण के लिए हर मोर्चे पर कुशलता से कार्य किया जा रहा है.
सोशल मीडिया के जरिए जन जागरूकता
छत्तीसगढ़ में कोरोना के संक्रमण का पहला पॉजिटिव मामला सामने आते ही राज्य में लॉकडाउन के निर्देश जारी कर दिए. इसके साथ ही सोशल डिस्टेनसिंग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जन जागरूकता के लिए कई पहल किये गए हैं. छोटे-छोटे स्लोगन्स के वीडियो बनाये गए, जिन्हें वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से शेयर किया गया. ये वीडियो स्थानीय बोलियों में बनाये गए ताकि आमलोग ज्यादा कनेक्ट हो सकें.
सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा पालन
प्रदेश में सोशल डिस्टेनसिंग को लेकर की जा रही पहल भी नजर आ रही है. राशन दुकानों के बाहर गोल घेरा बनाकर लोग सामग्री खरीद रहे हैं. वहीं सब्जी मंडियों में भी उचित दूरी का ध्यान रखा जा है. सब्जी और राशन की घर पहुंच सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं. इस नंबर के माध्यम से जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं.
दिन में दो बार हो रही कैबिनेट की बैठक
वहीं इस विपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी मुस्तैदी से अपने कर्त्तव्य के निर्वहन में जुटे हैं. दिन में दो बार कैबिनेट की बैठकों के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जानकारी जुटा कर स्थिति पर नियंत्रण रखा जा रहा है. मुख्यमंत्री बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों में हालात की समीक्षा कर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के साथ सहयोग
इस महामारी के रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूनिसेफ की टीम भी आवश्यक सहयोग कर रही है. कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य सर्विलेंस इकाई की टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग, सेम्पल टेस्टिंग एवं रिपोर्टिंग के लिए लगाई गई है. प्रदेश में महामारी के नियंत्रण के लिए बेहतर रणनीति का असर शहर से लेकर ग्रामीणों अंचलों तक नजर आ रहा है.
मजदूरों को पहुंचाया गृह प्रदेश
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ – साथ केंद्र से भी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं. सोशल मीडिया में झारखंड मुख्यमंत्री की अपील पर उन्होंने तत्काल बिलासपुर में झारखंड के सैकड़ों मज़दूरों को ना केवल झारखंड पहुंचाया, बल्कि उनके भोजन की समुचित व्यवस्था भी की.
संकट की घड़ी में न कोई सोये भूखा
छत्तीसगढ़ में इस संकट की घड़ी में कोई भूखा ना सोये इसके लिए लॉक डाउन के दौरान हजारों जरूरत मंद परिवारों तक निःशुल्क खाद्यान्न सामग्री प्रदान की जा रही है, जिसमें चावल, दाल, तेल मसाला सहित अन्य सामग्री शामिल है. इसके अलावा प्रदेश के बाहर से आये सभी मजदूरों को रहने की व्यवस्था के साथ ही खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है.