रांची। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव सह आर्थिक सलाहकार अरुण कुमार झा ने झारखंड सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को पत्र लिखकर उक्त प्रावधानों को लागू करने का सुझाव दिया है. झा ने लिखा है कि केंद्र सरकार ने सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट (प्रोहिबिटिशन अॉफ एडवर्टिजमेंट एंड रेगुलेशन अॉफ ट्रेड एंड कॉमर्स प्रोडक्शन, सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) एक्ट 2003 (कोटपा) लागू किया है, ताकि बच्चों और युवाओं को इससे बचाया जा सके.
झा ने लिखा है कि इस संदर्भ में यह महसूस किया जा रहा है कि तंबाकू उत्पाद बेचने वाले खुदरा दुकानों को नगरपालिका प्राधिकारों से अनुमति या प्राधिकार लेने का मैकेनिज्म बनाया जाए. साथ ही वहां केवल तंबाकू उत्पाद ही बिके यह भी सुनिश्चत किया जाए. उन्होंने मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि इस प्रकार के प्रावधान झारखंड में किए जाए. दुकानों का लाइसेंस लेने की व्यवस्था की जाए, ताकि बच्चों और युवाओं को इसके सेवन से बचाया जा सके.
झारखंड में 47 प्रतिशत लोग करते हैं चबाने वाले तंबाकू का सेवन
राज्य सरकार को तम्बाकू नियंत्रण में तकनिकी सहयोग देने वाली संस्था सोसिओ  इकनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन  गैट्स के सर्वे के मुताबिक झारखंड में 50.01% वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं , जिसमे से  47% लोग चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं. जो मुंह के कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है.  अगर झारखंड  सरकार इस प्रावधान को लागू करती है, तो तंबाकू नियंत्रण की दिशा में ये एक क्रांतिकारी कदम होगा. इससे बच्चों एवं अवयस्कों को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाने में कारगर सिद्ध होगा.
 
हिमाचल प्रदेश ने कानून बनाया
सीड्स के मुताबिक हिंदुस्तान में अब तक सिर्फ हिमाचल प्रदेश ने राज्य विधान सभा से इस कानून को पास कराकर पूरे प्रदेश में लागू  कराया है. वहां तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है और केवल तंबाकू उत्पाद ही दुकानों में बेच सकते हैं. अन्य उत्पाद नहीं.