जगदलपुर। एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण या फिर उसकी हिस्सेदारी किसी और कंपनी को बेचे जाने के खिलाफ मजदूर संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. दरअसल राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के जगदलपुर स्थित नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण की तैयारी है. इसे देखते हुए NMDC से जुड़े कर्मचारी नेताओं और किसानों में आक्रोश है. इसे लेकर संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन, स्टील श्रमिक यूनियन नगरनार, किसानों, मजदूरों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विरोध-प्रदर्शन किया.
मजदूर नेता महेंद्र जॉन के मुताबिक, केंद्र सरकार निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट को घाटे का सौदा बताते हुए उसे एफडीआई के माध्यम से बेचने की तैयारी कर रही है. इसके खिलाफ मजदूर संगठनों और किसानों ने कई बार आंदोलन और चरणबद्ध तरीके से धरना-प्रदर्शन भी किया. लेकिन केंद्र सरकार और एनएमडीसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन और स्टील श्रमिक यूनियन नगरनार ने NMDC के नवनियुक्त CMD बैजेंद्र कुमार के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें नगरनार स्टील प्लांट को सार्वजनिक उपक्रम में ही बने रखने की केंद्रीय नीति आयोग से सिफारिश करने की मांग की गई. ज्ञापन में इस बात का भी जिक्र किया गया कि स्टील प्लांट के निजीकरण या फिर 50 फीसदी हिस्सेदारी किसी दूसरी कंपनी को बेच देने से एनएमडीसी का आधिपत्य खत्म हो जाएगा और किसानों और मजदूरों के साथ अन्याय होगा.
मजदूरों का कहना है कि रोजगार के मौके उनके लिए कम हो जाएंगे और विकास की रफ्तार भी धीमी हो जाएगी.