दंतेवाड़ा। रूलर डव्लपमेंट मतलब पिछड़े इलाकों का विकास मगर जब विभाग ही नियमों को दरकिनार करता है, वो भी रसूखदार नेताओं के इशारे पर. तो जाहिर सी बात है बस्तर जैसे आदिवासी बाहुल्य में किस तरह विकास की रूपरेखा तैयार हो रही है कल्पना से परे है। ऐसा ही एक मामला दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड कुआकोंडा में उजागर हुआ है। जहाँ डीएमएफ मद(खनिज न्यास निधी मद) से करोड़ों रूपये की लागत से बनने वाले काम में भारी अनियमितता और गोलमाल की खबर निकलकर सामने आई है। क्योंकि काम जिन पंचायतों के माध्यम से करवाना था। वे पंचायत ही निर्माण के संबंध में जानकारी देने से बच रही हैं।  दरअसल मामला यह है कि उन पंचायतों के सरपंच सचिव अपने ही पंचायत में जनपद के माध्यम से होने वाले कार्यों से अनजान हैं। इसलिए सवाल उठना लाजमी है कि वे कौन लोग हैं जो पंचायत के अधिकारों को हनन कर ठेकेदारी कर रहे है।

कहां-कहां चल रहे हैं कार्य

जनपद पंचायत कुआकोंडा के ग्राम पंचायत पालनार में इसी मद के तहत 6 कार्य वाटर प्रूफिंग छत मरम्मत के नाम से 6.43 हजार की लागत से 5 आश्रम शाला भवन और अस्पताल भवन में किये गए तो हितावर में नहाड़ी आश्रण, बुरगुम आश्रम, टिकनपाल आश्रम के साथ अन्य कई विकासखंड के अंतर्गत आश्रम शाला भवनों में मरम्मत के नाम पर पैसे निकालने का सीधा खेल नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए है कि जिन आश्रमों की इमारत भवन बने 3 वर्ष हुए है बमुश्किल से और भवन की छत भी टपकती नहीं है। उन छतो पर भी लाल वार्निश वाटर प्रूफ पेंट आनन-फानन में किया जा रहा है। जबकि 3 साल के भीतर मेंटेंनेंस की सारी जवाबदारी उसी ठेकेदार की होती है जो वह निर्माण कार्य करता है.

टिकनपाल के बालक आश्रम अधीक्षक ने बताया कि हमारा आश्रम तो बिलकुल कहीं से कभी टपकता भी नहीं था और हमने जर्जर हालत के बारे में कोई पत्राचार कभी नहीं किया फिर हफ्ते भर पहले कुछ लोग छत सुधारने के नाम से छत पर लाल पेंट लगा गए हैं।

सरपंचो ने कहा हमें तो जानकारी भी नही कौन कर रहा काम
इधर जब कार्यों के संबंध में सरपंचों से हमने बात कि तो हितावर की महिला सरपंच  सुखमती मंडावी कहती हैं कि निर्माण कार्यों की जानकारी हमें अब तक नही है। सवाल यह उठता है कि जब पंचायत को २०लाख तक कि लागत से काम करने का पावर है। तो आखिर किस दबाव में आकर जनपद के अधिकारी सरपंचो को अवगत कराए बिना काम करवा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक किसी भी ग्राम पंचायत में कार्यों का एग्रीमेंट तक नहीं हुआ है।

उधर दंतेवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार ने इस मामले में जांच करवाने की बात कही है उनका कहना है कि पंचायतो की अनुमति के बिना कैसे काम हो रहा है। मामले पर जांच करवाई जाएगी।

वहीं जिला पंचायत सीईओ गौरव कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दिखवाता हूँ और मामले का पता करता हूँ। पंचायत के कार्य को कोई बाहरी व्यक्ति बिना अनुमति नही कर सकता है ।