धमतरी। 7 सितम्बर को नक्सलियों द्वारा एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार देने का मामला सामने आया था. इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का आलम था. ये पूरा मामला खल्लारी थाना इलाके के जोगीबिरदो गांव का है. जहां नक्सलियों ने रात में कुल्हाडी से वारकर इस घटना को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद से पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश सरगर्मी के साथ कर रही थी. आखिरकार पुलिस कातिलों के गिरेबां तक पहुँच गई, पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले गोविन्द मरकाम और यदुवंत नेताम को गौरगांव और गहनासियार से गिरफ्तार किया है . ये दोनों भी जोगीबिरदो गांव का रहने वाला है जिनके पास कई अहम सामान भी बरामद हुए हैं.
बताया जा रहा है कि ये दोनों आरोपी 2007 से नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करते आ रहे हैं. दरअसल जोगीबिरदो गांव का रहने वाले शत्रुधन मांडवी को नक्सलियो ने नोटबंदी के दौरान रुपए दिए थे. लेकिन शत्रुधन आर्थिक परेशानी के चलते रुपये वापस नहीं कर पाया.जिसके चलते नक्सली लगातार मृतक पर रकम वापस करने दबाव डाल रहे थे. वहीं 6 सितम्बर की रात में करीब दस बजे 11 हथियारबंद नक्सली उनके घर में आए और शत्रुधन को अपने साथ ले गए. लेकिन वह घर वापस नहीं लौटा. 7 सितम्बर की सुबह गांव में स्कूल के पास शत्रुधन का शव मिला.
पुलिस की मानें तो नक्सलियों ने अपनी तमाम जरुरतों को पूरा करने के लिए युवा शक्ति नाम का एक संगठन बनाया है. जिसमें इलाके के युवाओं को जोड़ा गया है. ये संगठन नक्सलियों को दैनिक उपयोगी का सामान मुहैया करवाता है. ग्रामीणों से चंदा मांगकर नक्सलियों के लिए फंड जुटाते थे. वहीं नोटबंदी के दौरान दिए रुपए वापस लेने के लिए संगठन के कमांडर और सदस्य उनके घर गए थे. जिस पर शत्रुधन मांडवी ने सभी को पुलिस में पकड़वा देने की बात कही. जिसके बाद संगठन के सदस्यों ने शत्रुधन को बर्बरता से मौत के घाट उतार दिया. पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.