संदीप सिंह ठाकुर,  लोरमी। आधा अप्रैल बीतने को आ गया है लेकिन अभी भी किसानों की धान खरीदी पूरी तरह से नहीं हो पाई है. मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के सैकड़ो किसानों के हजारों क्विंटल धान की खरीदी टोकन कटने के बाद भी नही की गई है. जिसकी वजह से किसानों में इसे लेकर काफी नाराजगी है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते उनके धान की खरीदी नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने आत्मदाह की भी चेतावनी दी है.

मामला लोरमी ब्लॉक के डिंडौरी, चंदली सहित कई धान खरीदी केंद्रो का है. यहां समिति प्रभारियों के द्वारा किसानों के धान को समर्थन मूल्य में खरीदी करने 17 फरवरी तक टोकन जारी किया गया था. लेकिन बारदाने की कमी के चलते किसानों के धान की तौलाई नहीं हो पाई. 18 फरवरी को दोबारा संशोधित टोकन जारी किया गया. 18 फरवरी को जिस भी किसान के टोकन काटे गए हैं उनके धान की  19 फरवरी को तौला जाना था, लेकिन 19 तारीख को भी धाना को तौला नहीं गया. 20 तारीख को जिन किसान के टोकन काटे गए हैं. केवल उन किसानों के धान को तौला जा रहा है. जिसका खामियाजा किसानो को उठाना पड़ रहा है.

एकतरफ समय पर टोकन काटे जाने के बाद भी उनके खून पसीने से उगाए गए धान की खरीदी नहीं की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बेमौसम बारिश होने पर यदि खुले आसमान के नीचे रखे हजारों क्विंटल धान खराब होता है तो पूरी जिम्मेदारी किसानों के होने की बात खरीदी प्रभारी के द्वारा कही जा रही है. जिससे किसानों में आक्रोश है. इसको लेकर डिंडौरी के किसान राजकुमार ठाकुर और चंदली के किसान फड़ेश्वर पाटले ने कहा कि किसान धान की खरीदी की मांग को लेकर दफ्तरों के चक्कर काटते काटते थक चुके हैं. सरकार किसानों का धान खरीदेगी नहीं तो गरीब किसान अपना परिवार कैसे चलाएगा.

वहीं इस पूरे मामले में मुंगेली जिला के सहायक पंजीयक उत्तर कुमार कौशिक ने कहा कि शासन के निर्देश के बाद ही 18 फरवरी को टोकन काटे गए थे. जिनका टोकन काटा गया है उनका धान खरीदा जाएगा. लेकिन कब इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया.

आपको बता दें की डिंडौरी और चंदली समिति अंतर्गत आने वाले 173 किसानों ने धान बेचने के लिए टोकन कटवाया है जिनका 7761 क्विंटल धान समिति में खुले आसमान के नीचे रखा है. इसी तरह कई अन्य धान खरीदी केंद्रों में भी समस्या बनी हुई है.