टॉकीज खुलने से पहले पिक्चर हिट!@kawasi_lakhma @bhupeshbaghel @ChhattisgarhCMO @Drpremsaisingh @MohanMarkamPCC @BJP4India @BJP4CGState @IBC24News @inhnewsindia @ZeeMPCG @lalluram_news @patrikacg @DrCharandas @ANI pic.twitter.com/LvalCdeTkC
— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) May 4, 2020
अपने दूसरे ट्वीट में अजय चंद्राकर ने शराब की होम डिलीवरी शुरू किए जाने पर सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि, पढ़ई तुंहर दुआर के संग-संग, अब दारू तको तुंहर दुआर, वहीं अपने तीसरे ट्वीट में वह लिखते हैं कि, दारू पीबो अऊ खाबो चखना, जुग-जुग जियो कवासी लखमा..!!
दारू पीबो अऊ खाबो चखना,
जुग-जुग जियो कवासी लखमा..!!@kawasi_lakhma @bhupeshbaghel @ChhattisgarhCMO @MohanMarkamPCC @DrCharandas @TS_SinghDeo @Drpremsaisingh @IBC24News @ZeeMPCG @lalluram_news @inhnewsindia @BJP4CGState @BJP4India @blsanthosh @aniljaindr @veejaysai pic.twitter.com/LO7mhSD108— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) May 4, 2020
सरकर के उच्च पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि शराब दुकान खोलने में सरकार की दिलचस्पी की एक वजह राजस्व नुकसान की भरपाई भी है. दरअसल लाॅकडाउन की वजह से राज्य सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है. सरकार की आर्थिक स्थिति पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है, ऐसे में आर्थिक रूप से आ रही रूकावटों को एक हद तक खत्म करने की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में शराब दुकानों से मिलने वाले राजस्व को देखा जा रहा है. इधर बीजेपी की दलील है कि आर्थिक नुकसान की भरपाई के दूसरे तरीके हो सकते हैं.
सत्ता में आने के पहले कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन साल 2018 में सत्ता की कमान मिलने के बाद सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया. राज्य में इस समय 650 शराब दुकानें हैं, जिनमें से 337 देशी और 313 विदेशी शराब दुकानें है. आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने एक बयान कहा है कि देशी शराब की प्रति बोतल में 10 रूपए अतिरिक्त लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से इस अतिरिक्त राशि का उपयोग ग्रामीण अधोसंरचना पर खर्च किया जाएगा.