दुनिया भर में कोरोना पचास लाख से से ज़्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. आंकड़ों पर नज़र बनाए रखने वाले लोग तेज़ी से बढ़ती संख्या देखकर भयभीत और निराश हैं. लोगों की उम्मीद इसके टीके से है. लेकिन टीकों को लेकर कई देशों और कंपनियों के दावों की हवा उड़ने की खबरों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के एचआईवी की तरह कोरोना के भी कभी टीके न बनने की आशंका लोगों को निराश कर रही है. लेकिन इसी बीच उम्मीद की लौ कोरोना के जारी आंकड़ों में ही नज़र आ रही है. दिन-ब-दिन करोना से मरने वालों का अनुपात गिरता जा रहा है. उन देशों की संख्या बढ़ती जा रही है जो कोरोना से बेहतरी से निपट रहे हैं. पहले दक्षिण कोरिया एक आदर्श देश दिखता था. लेकिन अब जर्मनी, तुर्की और ईरान जैसे देश भी कोरोना से बेहतर तरीके से निपट रहे हैं.
जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे वायरस संक्रमण और इससे निपटने के तौर-तरीकों के बारे में चिकित्सकों की मालूमात बढ़ती जा रही है. इसके अलावा जांच और सुरक्षा के साधन भी बढ़ते जा रहे हैं. जिससे कोरोना पहले से कमज़ोर दिख रहा है. आंकड़े बताते हैं कि रोज़ाना होने वाली मौतें कम हो रही है. इसके संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है.
दुनिया भर में कोरोना को लेकर आंकड़े जारी करने वाली वेबसाइट वर्ल्डो मीटर के मुताबिक अगर दुनिया भर में कुल संक्रमित मरीज़ों की संख्या 56 लाख से ऊपर चली गई है तो इसमें से करीब 24 लाख मरीज़ पूरी तरह ठीक होकर घर लौट चुके हैं. दिक्कत है कि सारी मीडिया संक्रमण की कुल संख्या दिखा रही है. लेकिन जो ठीक हो चुके हैं. उसकी संख्या लोगों तक नहीं पहुंचा रही है.
वर्ल्डोमीटर के मुताबिक कोरोना से करीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. ये आंकड़ा डराने वाला है. लेकिन गौर से देखने पर पता चलता है कि रोज़ाना होने वाली मौतों की संख्या गिर रही है. 15 अप्रैल के आस-पास रोज़ 7-8 हज़ार लोग रोज़ाना मर रहे थे. अब इसमें कुछ गिरावट देखी जा रही है. दो दिनों से रोज़ाना मरने वालों की संख्या 3 हज़ार से नीचे हैं.
रोज़ाना कोरोना से मुक्त होने वाले मरीज़ों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इस महामारी से ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या रोज़ाना 50 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी है. पिछले पिछले तीन दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो क्रमश: 63 हज़ार, 54 हज़ार और 58 हज़ार मरीज़ रोज ठीक हो रहे हैं.
रोज़ संक्रमित और ठीक होने वाले मरीज़ों का अनुपात कम होता जा रहा है. हालांकि अभी भी रोज़ संक्रमित होने वाले मरीज़ों की संख्या ज़्यादा है. लेकिन इसकी रफ्तार धीमी पड़ रही है. 21 मई को दुनिया भर में 1 लाख 7 हज़ार नए केस सामने आए थे. पांच दिन में ये घटकर 89 हज़ार रह गई है.
जांच का दायरा बढ़ने का फायदा ये हो रहा है कि मरीज़ की हालत गंभीर होने से पहले ही बीमारी पकड़ में आ जा रही है. संक्रमण के जो नये मामले सामने आ रहे हैं. इसमें, बेहद गंभीर मरीज़ों की संख्या घटकर 2 फीसदी रह गई है. अप्रैल के महीने में बेहद गंभीर मरीज़ों की संख्या 4 फीसदी पर थी. रिवकरी के अनुपात में कुल मरने वाले मरीज़ों का प्रतिशत घटकर 12.82 फीसदी हो गई है. 7 अप्रैल को ये 22.16 फीसदी तक बढ़ गई थी.
ये बात भी बेहद महत्वपूर्ण है कि कोरोना से मरने वाले ज़्यादातर लोग 65 साल से ज़्यादा उम्र के हैं. कोरोना खासतौर से उन लोगों के लिए जानलेवा है जो उम्रदराज़ हैं या फिर पहले से किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं. इटली, स्पेन और अमेरिका जैसे देशों में मरने वालों में उम्रदराज़ लोगों की संख्या ज़्यादा है, जहां इसने कहर ढाया है.
अमेरिका में मरने वालों में करीब 49 फीसदी लोगों की उम्र 75 साल से ज़्यादा है. जबकि 25 फीसदी मौतें 65 से 74 साल के उम्र के लोगों की हुई है. 22 फीसदी वे लोग मरे हैं, जिनकी उम्र 45 से 64 साल के बीच थी. मात्र 3.9 फीसदी वे लोग मरे हैं जिनकी उम्र 18-44 साल के बीच थी. मात्र 0.06 फीसदी उन लोगों की मौत हुई है जिनकी उम्र 17 साल से कम थी. चीन में भी 21 फीसदी वो लोग मरे जिनकी उम्र 80 साल से ज़्यादा थी. जबकि यहां 20 साल से कम उम्र के मरने वालों की संख्या 3 फीसदी से भी कम है.
अमेरिका में, जहां सबसे ज़्यादा 17 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, वहां करीब पौने पांच लाख लोग ठीक हो चुके हैं. अमेरिका में दुनिया भर के करीब 30 फीसदी संक्रमित मरीज़ हैं. ब्राजील में 3 लाख 76 हजार संक्रमित लोगों में से 1 लाख 53 हज़ार लोग ठीक हो चुके हैं. रुस में 3 लाख 62 हज़ार लोगों में से 1 लाख 31 हज़ार लोग ठीक हो चुके हैं.
पूरी दुनिया में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार कम हुई है जो बताती है कि लोग इसे लेकर ज़्यादा जानकार और जागरुक हुए हैं. जिन यूरोपीय देशों में कोरोना का संक्रमण पहले खतरनाक तरीके से फैला, वहां भी अब संक्रमित मरीज़ों की संख्या एक हद तक कम हो गई है. स्पेन में कुल 2 लाख 82 हज़ार लोग कोरोना संक्रमित हुए लेकिन वहां 1 लाख 97 हज़ार मरीज़ अब ठीक हो चुके हैं. स्पेन में संक्रमित मरीज़ों की संख्या अब 26 हज़ार 800 ही बची है. इटली में 2 लाख 30 हज़ार कोरोना संक्रमित हुए हैं लेकिन अब सक्रिय केस 32 हज़ार 800 ही है. यूके में 2 लाख 61 हज़ार संक्रमित मरीज़ों में से 36 हज़ार 900 ही संक्रमित बचे हैं.
इन देशों के बीच में कुछ ऐसे देश हैं जो बड़ी संख्या में संक्रमण फैलने के बाद भी इससे प्रभावी तरीके से निपटे. यहां मौतों की संख्या कम और रिकवरी की रफ्तार काफी अच्छी है.
जर्मनी में अभी कुल 1 लाख 62 हज़ार लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. यहां अब 10 हज़ार 300 मरीज़ों में ही कोरोना पाज़िटिव है. यहां कुल 1 लाख 80 हज़ार लोग कोरोना संक्रमित हुए थे.
इसी तरह तुर्की में 157 हज़ार कोरोना मरीजों में से 1 लाख 20 हज़ार मरीज़ ठीक हो चुके हैं. यहां अब केवल 33,430 ही सक्रिय मरीज़ हैं. इस्लामिक देश ईरान भी कोरोना के खिलाफ प्रभावी जीत दर्ज करने में सफल रहा है. यहां अब केवल साढ़ बाईस हज़ार केस ही सक्रिय हैं. यहां कुल 1लाख 40 हज़ार केस सामने आए. जिसमें से 1 लाख 9 हज़ार लोग ठीक हो गए. सऊदी अरब में करीब 75 हज़ार केस सामने आए लेकिन अब केवल 28 हज़ार केस ही सक्रिय हैं.
इन सब बातों के बीच ये भी सच है कि आने वाले दिनों में संक्रमण और बढ़ेगा. लोगों की सावधानी और उनकी सतर्कता से ही इससे निपटने में कामयाबी मिलेगी.