रायपुर। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों के साथ स्कूलों और दुकानों के साथ अन्य विषयों पर भूपेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई अहम फैसले किए.

मुख्यमंत्री निवास में भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियां कैसे संचालित की जाएगी. स्कूल-कॉलेजों को कैसे प्रारंभ करेंगे. इस पर नीतिगत निर्णय लिया गया.

उन्होंने बताया कि एक जुलाई से छत्तीसगढ़ में स्कूल प्रारंभ होगी. अब बाजार 6 दिन खुलेंगे. धार्मिक और राजनीति आयोजन बंद रहेंगे. शादियों के एप्लीकेशन लिए सैकड़ों लोग लाइन में खड़े हैं, उनके लिए तहसीलदार अनुमति देंगे.

रविंद्र चौबे ने कहा कि अभी भी छत्तीसगढ़ में 40 से 50 हजार प्रवासी श्रमिक आएंगे. ऐसी स्थिति में क्वारेंटाइन सेंटर में और कितनी व्यवस्था बेहतर की जा सकती है, टेस्टिंग कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस पर विचार किया गया है.

सरकार के वित्तीय कटौती के सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्त विभाग से अनुमति लेने के बाद ही विभागों में भर्तियां होंगी. पहले भी यह स्थिति थी, अभी भी वही स्थिति रहेगी. इसका कड़ाई से पालन हो, इसकी मॉनिटरिंग होगी.

वहीं उन्होंने किसानों के दो साल के बकाया बोनस पर कहा कि जो केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि दे रही है, वह इतनी कम है, इसके बारे में रमन सिंह पहले बताएं. हम तो लगातार किसानों के लिए कुछ ना कुछ कर रहे हैं. उन्होंने रमन सिंह के बयान पर कहा कि एकाध सलाह मोदी को भी दे दें. वहीं मंत्रियों के रायपुर में रहने पर बयान पर कहा कि रमन सिंह क्यों अपने घर मे कैद हैं.

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, पीएचई मंत्री गुरू रूद्रकुमार, मुख्य सचिव आरपी मण्डल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.