रायपुर। कोरोना संक्रमण के बीच लॉक डाउन में बंद हुई रजिस्ट्री अब रफ्तार पकड़ने लगी है। कार्यालय खुलने के बाद पंजीयन कार्यालय में लोग अपनी जमीन का रजिस्ट्री करा रहे है। शासन द्वारा लोगों की जरूरतों को देखते हुए रजिस्ट्री की प्रक्रिया पुनः शुरू की गई है। मई माह में कार्यालय खुलने के बाद जिले में 1720 लोगों ने पंजीयन भी करा लिया है। इससे शासन को 15 करोड़ 41 लाख रूपये की आमदनी भी हुई है। रजिस्ट्री कार्यालय में लोगों की भीड़ को कम करने के लिए आवश्यक जरूरी कदम उठाने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। शासन द्वारा रजिस्ट्री दफ्तर खोलकर पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने से लोग भी बहुत राहत महसूस कर रहे हैं। रजिस्ट्री शुल्क में शासन द्वारा दी गई छूट का भी लाभ आसानी से मिल रहा है।

लॉक डाउन की वजह से रजिस्ट्री कार्यालय कई दिनों तक बंद थी। ऐसे में बहुत से लोगों को अपनी जमीन का रजिस्ट्री कराने के लिए बेसब्री से दफ्तर खुलने का इंतजार था। आखिरकार शासन द्वारा कार्यालय खोले जाने के पश्चात रजिस्ट्री आफिस में ऐसे लोगों की चहलकदमी नज़र आने लगी है। रायपुर जिला के आरंग,अभनपुर,तिल्दा और रायपुर में इन दिनों रजिस्ट्री की प्रक्रिया जारी है। मई माह में ही 1720 लोगों ने अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया है। इससे शासन को 15 करोड़ 41 लाख 9 हजार रुपए का राजस्व मिला। रजिस्ट्री की प्रक्रिया जारी है। आने वाले दिनों में पुनः इसकी रफ्तार बढ़ने की संभावना है। अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराने वाली नीता ने बताया कि ग्राम जलसों में जमीन ली थी। उसका रजिस्ट्रेशन कराना था जो लॉक डाउन की वजह से संभव नही हो पा रहा था। उसे वह जमीन पसन्द आ गई थी,रजिस्ट्रेशन हो जाने से वह भी अब बेफिक्र हो गई है। शासन का आभार जताते हुए नीता ने रजिस्ट्री के साथ छूट का लाभ उठाने की अपील भी की। जिला पंजीयक ने बताया कि पांच डिसमिल से कम जमीन की खरीदी बिक्री पर लगी रोकथाम को हटाने से लोगों को काफी राहत मिली है। अब छोटे प्लाट रखने वाले लोगों के लिए मकान का सपना देखना आसान हो गया है। इसके साथ ही कई लोग बहुत सी जरूरतों के लिए भी प्लाट खरीदते हैं और उन जरूरतों के आने पर इन्हें बेच देते हैं। पांच डिसमिल से कम जमीन की खरीदी-बिक्री पर जो रोक लगी थी, अब इससे उनके लिए भी अपनी जरूरत पूरा करने का रास्ता खुल गया है।