रायपुर। दिवंगत अजीत जोगी का आज दशगात्र था. जोगी के पैतृक ग्राम जोगीसार में आज आदिवासी कँवर समाज के रीति-रिवाज़ से अजीत जोगी का दस-कर्म और गंगापूजन का कार्यक्रम हुआ. इस मौके पर अमित जोगी ने अपने पिता को याद करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है-

ठाकुर देव की दया दृष्टि से, आदिवासी कंवर समाज के संस्कार अनुसार आज हमारे पैतृक निवास जोगीसार में माननीय स्वर्गीय अजीत जोगी जी के दशगात्र और गंगापूजन का कार्यक्रम, समाज के वरिष्ठजनों द्वारा विधि विधान से पूर्ण हुआ। इसके साथ ही आदिवासी कंवर समाज की परंपरा अनुसार ‘पगड़ी रस्म’ का कार्यक्रम हुआ जिसमें समाज के सम्मानित वरिष्ठजनों ने पापा के जाने के बाद मुझे आदिवासी मान का प्रतीक, ‘पागा’ पहनाकर परिवार का मुखिया घोषित किया और आदिवासी समाज के कल्याण के लिए कार्य करने का दायित्व सौंपा.

पापा की पगड़ी को अपने सिर पर धारण करने के क्षण ने मुझे भावविभोर कर दिया. अपनी अश्रुपूरित आँखें बंद कर मैंने पापा का स्मरण किया और उनको नमन करते हुए तथा आदिवासी कंवर समाज के बड़े बुजुर्गों के चरणस्पर्श कर, उनके द्वारा दिए गए सम्मान और जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और प्रतिष्ठा से निभाने का प्रण लिया.

जोगीसार जैसे सुदूर आदिवासी क्षेत्र में अभावों में पलकर, परिस्थितितों से लड़कर माननीय अजीत जोगी जी ने प्रोफ़ेसर, आईपीएस, आईएएस, विधायक, सांसद और एक मुख्यमँत्री के रूप में छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित जाति, जनजातियों, गरीब मजदूरों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की सेवा और उन्नति में अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया.

मेरे पिता जी के सेवा समर्पित जीवन की यह ज्योति मेरे छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक रहवासी के अंदर सदैव प्रज्वलित रहे इसके लिए मैं अमित अजीत जोगी ये प्रण लेता हूँ कि अपने पिता की छाया बनूँगा, सेवा करूँगा और दुःखयारों के दुख हर लूँगा.

– अमित अजीत जोगी