रायपुर। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को लेकर माकपा और अन्य वामपंथी दल केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मंगलवार को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. राजधानी में भी इन पार्टियों से जुड़े कार्यकर्ता घरों के सामने तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

धर्मराज महापात्रा ने बताया कि पूरे देश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और तमाम वामपंथी पार्टियां सड़कों पर हैं. 70 दिनों के तालाबंदी में हिंदुस्तान के अंदर में जो माहौल पैदा हुआ, प्रवासी मजदूरों के मामले में जिस तरीके से उनकी संवेदनहीनता है, लोग सड़कों पर मर रहे हैं लेकिन सरकार मौन है.

महापात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद आज भी बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं, लेकिन उन को निःशुल्क लाने के लिए जो पहल होनी चाहिए केंद्र सरकार की ओर से वह कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रही है. पूरे देश की अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया इस लॉक डाउन के कारण 14 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार खत्म हो गया है.

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सभी जन धन खातों में 6 महीने तक 7500 रुपए की मदद की जानी चाहिए, जो बेरोजगार हो रहे हैं उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाना चाहिए. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. हर व्यक्ति को 10 किलो अनाज आगामी 6 महीने तक मुफ्त में दिया जाना चाहिए. मनरेगा के तहत 200 रुपए मजदूरी दी जानी चाहिए.

धर्मराज महापात्रा ने कहा कि जो कानून में बदलाव किया जा रहा है, वह किसान को गुलाम बनाने का कदम है. कोरोना की आड़ में सरकार देश के सार्वजनिक संसाधनों को जुटाने की कोशिश कर रही है. ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है. पूरे देश में हर सार्वजनिक क्षेत्र में विदेशी नीतियों को आमंत्रित किया जा रहा है. यह सरकार अडानी और अंबानी पर पूरे देश की सार्वजनिक संपत्ति को लुटाने की कोशिश कर रही है.